महाशिवरात्रि पर दूध, दही, शहद का महत्व
जयति भटाचार्य।
हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ के महीने में महाशिवरात्रि का पावन त्योहार मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और शिवलिंग की पूजा की जाती है। इस दिन मध्य रात्रि को भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। सुहागिनों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। वह पूरे दिन व्रत रखती हैं और भगवान शिव से अपने पति के लिए लंबी आयु मांगती हैं।
मान्यताओं के अनुसार इस रात्रि को भगवान शिव ने तांडव किया था। उनको शांत कराने के लिए ही महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध और शहद चढ़ाया जाता है। एक दूसरी मान्यता के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन हुआ था और सृष्टि को बचाने के लिए भगवान शिव ने जहर पी लिया था। इससे उनका गला अर्थात कंठ नीला हो गया इसलिए भगवान शिव को नीलकंठ भी कहा जाता है। जहर में गर्म चीजें थीं इसलिए उनका गला नीला पड़ गया था। अब ठंडी चीजों से उनके गले को आराम पहुंचाना था इसलिए इस दिन शिवलिंग पर दूध, दही और शहद चढ़ाया जाता है।