कौन सी चीजों का प्रयोग भोलेनाथ की पूजा में नहीं होता है

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यू तो भगवान शिव अल्प में ही प्रसन्न हो जाते हैं। थोड़ा सा गंगा जल और बेल पत्र। लेकिन कुछ चीजें हैं जिनसे कभी भी भोलेनाथ की पूजा नहीं करनी चाहिए, लेकिन क्यों ? महाशिवरात्रि की पूजा में काई भूल नहीं होनी चाहिए।

केतकी के फूल – भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाए जाते हैं। केतकी का फूल भी सफेद होता है, लेकिन शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है लेकिन ऐसा क्यों आईए जानते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार केतकी के फूल ने एक बार ब्रह्माजी के झूठ में उनका साथ दिया था। भोलेनाथ नाराज हो गए और केतकी के फूल को शाप दिया। इसलिए शिवजी की पूजा में केतकी के फूल का प्रयोग नहीं होता है।

तिल का प्रयोग नहीं होता – मान्यता के अनुसार तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से हुई है। इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं चढ़ाया जाता लेकिन विष्णुजी को चढ़ाया जाता है।

तुलसी का प्रयोग नहीे होता – शिवलिंग पर कभी भी तुलसी के पत्ते नही चढ़ाए जाते क्योंकि तुलसी शापित है इसकी एक अलग कहानी है। तुलसी का जन्म जालंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से हुआ। जिससे भगवान विष्णु ने विवाह किया या यूं कहें कि करना पड़ा। इसे आज भी प्रत्येक वर्ष शालीग्राम तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। फिर भी तुलसी शापित है इसलिए महादेव की पूजा में नहीं चढ़ाई जाती।

शंख से जल न चढ़ाएं – भगवान शिव ने विष्णजी के भक्त शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था। शंख को इसी असुर का प्रतीक माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता।


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