मूत्र विसर्जन कांड ..कांग्रेसी हुई हमलावर..भाजपा का डैमेज कंट्रोल

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आलोक एम इंदौरिया / भोपाल।
भोपाल मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए मूत्र विसर्जन कांड के कारण पहले से ही हलकान भाजपा के लिए नए और गहरे राजनीतिक गड्ढे खुद गए हैं । भाजपा संगठन और सत्ता इस मामले को लेकर हुए डैमेज को कंट्रोल करने में तेजी से भिड गई है। जहां शिवराज अपनी ही पार्टी के आरोपित कार्यकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए उसे एनएसए में जेल भेज दिया वही उसके घर के अवैध निर्माण को भी नेस्तनाबूद करके मामले पर गंभीरता दिखाने का प्रयास किया है‌ इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा में सियासी जंग तेज हो गई है ‌। कांग्रेस, इस मुद्दे को किसी भी हालत में अपने हाथ से खोना नहीं चाहती । दोनों ही दलों ने इस मामले को लेकर अपनी अपनी जांच कमेटी बना दी है लिए। इधर शिवराज ने आज मास्टर , स्ट्रोक लगाते हुए पीड़ित को अपने घर बुलाकर न केवल माफी मांगी बल्कि उसके चरण धोकर विपक्ष की धार को भौंतरा करने का सफल प्रयास किया है।

मध्यप्रदेश में विगत दिनों सीधी जिले के एक कथित भाजपा कार्यकर्ता के द्वारा आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। चूंकि मामला एक आदिवासी से जुड़ा था जो मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं इसके कारण मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में सियासी जंग तेज हो गई । इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज ने बेहद प्राथमिकता से लेकर कड़ी और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए और इसके बाद सीधी का प्रशासनिक अमला तेजी से हरकत में आया। रात करीबन 2:00 आरोपी प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर एनएसए लगाकर जेल भेज दिया गया ‌‌।इसके बाद उसके ग्रह ग्राम कुबरी में अलसुबह प्रशासनिक अमला मय बुलडोजर के पहुंचा और उसके घर के अवैध निर्माण को भी जमींदोज कर दिया‌ क्योंकि मामला बेहद शर्मनाक और अमानवीय तो था ही साथ ही मध्य प्रदेश की सत्ता में लाने और हटाने वाली आदिवासी बिरादरी से जुड़ा था क्योंकि पीड़ित इसी वर्ष से आता है। जाहिर है नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर इस मामले पर सियासत होनी थी और जमकर हुई ‌।बताना मुनासिब होगा कि मध्यप्रदेश में मालवा, निमाड, बिंद और महाकौशल का काफी बड़ा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है जो करीब आधा सैकडा से अधिक सीटों पर निर्णायक भूमिका अदा करता है ‌।

यह जिस तरफ होते हैं सरकार उन्हीं की बनती है। 2018 में भाजपा के सत्ता में ना आने का मुख्य कारण मालवा निमाड़ के आदिवासी बैल्ट का भाजपा से छिटकना था। इसी के चलते इस मामले को लेकर प्रियंका, राहुल ,मायावती ,केजरीवाल जैसे राष्ट्रीय नेताओं ने भाजपा को जमकर घेरा तो मध्यप्रदेश में कमलनाथ, गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह और आदिवासियों के कांग्रेश के सबसे बड़े नेता कांतिलाल भूरिया ने भी राजनीतिक हमले करने का कोई मौका नहीं छोड़ा । राहुल गांधी ने मामले पर ट्वीट करते हुए इस हरकत को अमानवीय और बेहद शर्मनाक बताया वहीं मायावती का कहना था की यह घटना अमानवीय और बेहद निंदनीय है।

भाजपा जानती थी कि 1 साल से आदिवासियों को रिझाने और उसे अपने पाले में लाने की उसकी मुहिम को इस घटना से गहरा धक्का लगा है। इसलिए शिवराज ने आरोपी भाजपा कार्यकर्ता के घर बुलडोजर चलाने और उसे एनएसए में जेल भेज कर आमजन और राजनीतिक पार्टियों को यह संदेश दिया कि भाजपा बिना भेदभाव के कार्रवाई करती है तथा वह किसी वर्ग विशेष या पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं है बल्कि वह अपराध और अपराधी के खिलाफ है । इस तरह कठोर कार्रवाई करके शिवराज और संगठन दोनों ने डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया। अब यह कितना कारगर होगा इसका पता चलने में वक्त लगेगा।

बरहाल इस मूत्र विसर्जन कांड से भाजपा की देशव्यापी किरकिरी हुई है इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता ‌।विपक्ष जहां इस मामले को चुनाव तक खींचने का मंसूबा बांधे है तो भा जा पा फटाफट इस मामले पर बहुत सेफ गेम खेलकर इस पर मिट्टी डालने का जीतोड प्रयास कर रही है। और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा मामले पर जिस तरह कठोर रवैया अपनाया है भाजपा बहुत हद तक इस मामले मे सुरक्षित जोन में आ चुकी है‌। अब देखना यह है कि इसके राजनीतिक परिणाम क्या होंगे इस प्रश्न का उत्तर भविष्य के घर के हाथों में है।

शिवराज ने खेला मास्टर स्ट्रोक

राजनीति में चाणक्य बन चुके प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी मूत्र विसर्जन कांड पर मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए इस मामले की बहुत हद तक हवा निकाल दी है। बेहद समझदारी और राजनीतिक चातुर्य परिचय देते हुए उन्होंने सीधी के पीड़ित जसमत आदिवासी को सपरिवार भोपाल अपनी कोठी पर न्यौता, उसे हाथ पकड़ कर कोठी में अंदर लाये, कुर्सी पर बिठा कर चरण पखारे, आरती उतार कर शॉल श्रीफल देकर उसका सम्मान किया। इसके साथ ही उसके परिवार की कुशल क्षेम पूछने के साथ-साथ बेटियों की पढ़ाई और उदर पूर्ति पर भी चर्चा की। बेहद भावुक होकर उन्होंने जसमत आदिवासियों से माफी भी मांगी। इसका वीडियो सारे प्रदेश में न केवल धूम मचा रहा है बल्कि यह शानदार तरीके से डैमेज कंट्रोल भी कर रहा है‌। शिवराज के इस कदम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा कुछ हद तक मूत्र विसर्जन कांड से उबरने में सफल हो गई है।


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