उपचुनाव के पहले मनाने मिलाने का दौर

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प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस इस समय 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हैं इसके लिए इन क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं और नेताओं की दोनों ओर से पूछ परख बढ़ी है । कांग्रेस नेता जहां पार्टी के नेताओं को भाजपा में जाने से रोक रहे हैं वही कांग्रेसी भाजपा में आए बागी विधायक अपने साथ जमा पूंजी भाजपा में ले जाने के लिए प्रयासरत है । दरअसल मध्य प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार इतना बड़ा उलटफेर हुआ है । जिसमें छह मंत्रियों सहित 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए लेकिन इन क्षेत्रों में विधानसभा के उपचुनाव अब कभी भी हो सकते हैं यही कारण है भाजपा जहां इन सीटों में से अधिकतम सीटें जीतकर अपनी सरकार को स्थायित्व देना चाहती है ।कोई कांग्रेस इनमें से अधिकतम सीटें जीतकर सत्ता वापसी का रास्ता खोज रही है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटनाक्रम को इंटरवल कहा है और कहा है कि पूरी पिक्चर अभी बाकी है जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि 15 महीनों में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को अराजक प्रदेश बना दिया था ऐसे में चुनाव जीतने की बातें कैसे कर लेते हैं दोनों ही दलों के अपने दावे हैं लेकिन दावे के पीछे तैयारियां की जोर पकड़ रही है। बहरहाल प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा खेमे में इस समय मनाने और मिलाने का महा दौर चल रहा है खासकर 24 सीटों पर जहां विधानसभा के उपचुनाव होना है वहां यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायकों को भाजपा का उम्मीदवार बनाया जाना है ऐसे में 2018 के विधानसभा चुनाव में इन्हीं बागी विधायकों से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव में हारे थे। उनको मनाना भाजपा की पहली प्राथमिकता में है इसके लिए संगठन लगातार प्रयास कर ही रहा है इन बागी विधायकों से भी कहा गया है कि वे भाजपा के उम्मीदवारों से मिले जिन से भी  पिछला चुनाव लड़े थे । इसी क्रम में सुर्खी क्षेत्र में गोविंद राजपूत के खिलाफ सुधीर यादव चुनाव लड़े थे राजपूत सुधीर यादव के घर पर जाकर मुलाकात कर चुके हैं । विधानसभा सीट पर डॉक्टर प्रभु राम चौधरी का मुकाबला पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार से हुआ था प्रभु राम चौधरी ने शेजवार से घर जाकर मुलाकात भी की और दोनों लोगों ने साथ में खाना भी खाया और मिलते हुए फोटो सोशल मीडिया पर शेयर भी की इसी तरह हॉट पिपलिया सीट पर भाजपा के दीपक जोशी का मुकाबला कांग्रेसी मनोज चौधरी से हुआ था दीपक जोशी बीच में कुछ असहज करने वाले बयान भी दिए थे लेकिन बाद में पार्टी संगठन में समझा बुझा दिया और उसके बाद उनके स्वर बदल गए थे अभी दोनों में एक साथ पार्टी कार्यक्रम में शिरकत की और एकता का संदेश दिया ऐसे ही प्रयोग अन्य सीटों पर भी हो रहे भाजपा चाहती है कि कांग्रेस और भा जा पा का मिलन इन क्षेत्रों में ऐसे हो जैसे दूध में पानी मिल जाता है कहीं ऐसा ना हो कि कोई नींबू डाल दे और दूध का दही बन जाए इस कारण जहां भाजपा के दिग्गज नेताओं को समझाइश दी जा रही है भले ही आप की सीट पर कांग्रेस से आए विधायकों को चुनाव लड़ाया जा रहा है । लेकिन आप का भी ध्यान रखा जाएगा या तो निगम मंडल में एडजस्ट किया जाएगा या फिर संगठन में कोई बड़ी जवाबदारी सौंपी जाएगी आपके मान सम्मान में कमी नहीं रहने दी जाएगी इसके बाद मेल मुलाकातों का दौर तेज हो गया है । अधिकांश सीटों पर कांग्रेश नेताओं के इस्तीफे भी शुरू हो गए हैं जोकि अपने विधायक के साथ भाजपा में जाना चाह रहे हैं भाजपा में मनाने का दौर उन विधायकों के बीच भी चल रहा है जो मंत्री बनने के लिए बेताब हो रहे हैं ऐसे ही विधायकों के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार लगातार टलता जा रहा है और जब तक शिवराज सिंह चौहान मुलाकात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से नहीं हो जाती तब तक सूची फाइनल नहीं हो सकती सूत्रों की माने तो नड्डा ने जून के प्रथम सप्ताह में मुलाकात का समय दिया है । पहले मुलाकात 30 जून को होने वाली थी इससे पहले सिंधिया भी नड्डा से मिलेंगे और माना जा रहा है कि अब मंत्रिमंडल का विस्तार 10 जून के आसपास हो पाए अब तक 1 या दो जून को माना जा रहा था लेकिन सभी नामों पर सर्वसम्मति ना बनने के कारण किसी ना किसी बहाने से इसे टाला जा रहा है उधर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेश भी 24 विधानसभा सीटों पर अपने कार्यकर्ताओं को बनाने में जुटी है पूर्व मंत्रियों को प्रभार सौंप कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव क्षेत्रों में बैठ के तेज कर दी है । सुर्खी विधानसभा क्षेत्र की बैठक गुरुवार को बिलहरा मैं आयोजित की गई थी जिसमें प्रभारी पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया पूर्व मंत्री हर्ष यादव और बुंदेलखंड के चार विधायक उपस्थित थे नवनियुक्त ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नरेश जैन भी सक्रिय हो गए हैं कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं को भाजपा में जाने से रोका जाए एवं सर्वे के आधार पर पार्टी जिसे टिकट दे पूरी पार्टी एकता के साथ चुनाव मैदान में उतरेकुल मिलाकर प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले यह मिनी चुनाव दोनों ही दलों के लिए बेहद अहम हो गए हैं यही कारण है चुनाव घोषित होने के पूर्व ही दोनों दलों ने जमावट तेज कर दी है जिसमें पहले दौर में कार्यकर्ताओं और नेताओं को मनाने और मिलाने का अभियान चल रहा है।

देवदत्त दुबे (ब्यूरो प्रमुख)


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