कोविड-19 अपडेट के प्रेस नोट का फॉर्मेट क्यों बदला सीएमओ प्रयागराज ने ?

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प्रयागराज। प्रयागराज में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 80 का आंकड़ा पार कर चुकी है इस दौरान प्रयागराज में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा भी बहुत अच्छा रहा लगभग 60 कोरोना पॉजिटिव मरीज कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ हो अपने घरों को जा चुके हैं।प्रयागराज में कोरोना से प्रथम मृत्यु लूकरगंज निवासी इंजीनियर वीरेंद्र सिंह की हुई थी जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री को ज्ञात करने में प्रयागराज प्रशासन असफल ही रहा और मृतक विरेंद्र सिंह की ट्रेवल हिस्ट्री वीरेंद्र सिंह के साथ ही खामोश हो गई ।कोविड-19 के इस सफर में प्रयागराज  प्रशासन ने बहुत बहुत ही सजगता से अपनी भूमिका निभाई ।जिला प्रशासन को जहां भी कहीं अनियमितताओं कीशिकायतें मिली जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर उन अनियमितताओं को दूर कर लोगों को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश की चाहे वह मजदूरों को कम खाना मिलने की बात हो या फिर को क्वॉरेंटाइन सेंटर में बिस्तर पर दौड़ते चूहों की बात रही हो।मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज की ओर से प्रतिदिन कोविड-19 अपडेट रिपोर्ट भी मीडिया को अविलंब दी जाती रही जिसके आधार पर समाचार पत्रों ने प्रयागराज में कोविड-19 की स्थिति को लोगों तक पहुंचाया।मगर फिर भी कुछ सवालो का जवाब जनता जानना चाहती हैं ।

इन सवालों में एक एक सवाल यह है कि को कोविड-19 एल वन चिकित्सालय कोटवा में बीते बीते दिनों कोराना पॉजिटिव मरीजों के द्वारा किए गए हंगामे के बाद जिलाधिकारी महोदय ने वहाँ का दौरा किया जिस पर शहर के एक जाने-माने पत्रकार ने उनके इस दौरे की वीडियो अपने फेसबुक से वायरल कर लिखा कि कोटवा एल वन वन कोविड-19 चिकित्सालय में जिलाधिकारी महोदय के दौरे के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने मरीजों से सीधी बात की और सभी मरीजों ने वहां की व्यवस्थाओं से संतुष्टि जताई, परंतु कुछ ही समय बाद उन पत्रकार महोदय ने अपने शब्द उस वीडियो के साथ अपने फेसबुक से हटा दिए।इस मुद्दे पर जनता का सवाल यह है कि आखिर कोटवा एल वन कोविड-19 चिकित्सालय कोटवा में क्या शिकायतों के बाद ही जिलाधिकारी महोदय का दौरा होना आवश्यक है ? ऐसे संवेदनशील स्थानों पर प्रशासन के उच्च अधिकारियों का दौरा तो बिना किसी शिकायत के भी होते रहना चाहिए ।

ऐसा ही एक वाक्य बीते दिनों कालिंदीपुरम क्वॉरेंटाइन सेंटर  में भी देखने को मिला था जहां पर एक युवक और एक महिला की मृत्यु क्वॉरेंटाइन रहते हुए हो गई थी इससे संबंधित खबरें भी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई तब भी प्रयागराज के अधिकारी महोदय ने कालिंदीपुरम क्वॉरेंटाइन  सेंटर का दौरा किया था और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था ।इस मुद्दे पर भी जनता का सवाल है कि आखिर क्यों  कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान इस महामारी से जुड़े  संवेदनशील स्थलों का दौरा प्रशासन के आला अफसर  बिना किसी शिकायत मिले या समाचार पत्रों मे वहां की अनियमितताओं की खबर प्रकाशित हुए बिना नहीं करते हैं ?ऐसा ही एक मुद्दा है सीएमओ प्रयागराज के द्वारा दी जाने वाली कोविड-19 अपडेट के प्रेस विज्ञप्ति के फॉर्मेट के विषय में। सीएमओ द्वारा दिए जाने वाला कोविड-19 अपडेट का प्रेस नोट का फॉर्मेट लॉक डाउन 3 पूरा होते होते बीच में ही बदल गया इसमें कुछ ऐसे फेरबदल किए गए जिसमें कुछ जानकारियां छिपा दी गई ।प्रयागराज में जब करोना संदिग्धों की जांच के लिए भेजे गए सैंपलो की अप्राप्त रिपोर्टों की संख्या 500 के पार थी उस दौरान इस फॉर्मेट में ऐसे बदलाव कर दिए गए जिसमें अप्राप्त रिपोर्टो की संख्या का दर्शाना बंद कर दिया गया। आखिर ऐसी क्या आवश्यकता आन पड़ी थी कि आदरणीय  सीएमओ प्रयागराज को कि इस विज्ञप्ति के फॉर्मेट में ही बदलाव करना पड़ा पूर्व की भांति वर्तमान में सीएमओ के द्वारा दी जाने वाली कोविड-19 अपडेट में अप्राप्त रिपोर्टों की संख्या अब नहीं दर्शाई जाती है?आखिर क्या कारण रहा कि अप्राप्त रिपोर्टों की संख्या को दर्शाने से क्या नुकसान प्रशासन को हो सकता था या फिर इसका क्या बुरा प्रभाव प्रयागराज की जनता पर पड़ रहा था जो सी एम ओ प्रयागराज को कोविड 19 के प्रे विज्ञप्ति के फॉर्मेट में ही फेरबदल करना पड़ गया ?

अरविंद कुमार 


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