शक्ति पर्व पर भारत ने फिर दिखाई शक्ति

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देवदत्त दुबे

जो विदेशी लोग कभी भारत पर बात-बात पर तंज कसते थे यहां की व्यवस्थाओं पर, यहां के लोगों पर, यहां की आस्था पर, यहां के विश्वास पर, यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर, यहां की यातायात व्यवस्थाओं पर, यहां की जीवन शैली पर, वही दुनिया अब भारत की कोरोना महामारी के खिलाफ जंग देखकर दंग है। वो जो तंज कसते थे कि भारत में जीवन भगवान भरोसे है अब वे मान गए कि वाकई में भारत में कोई अदृश्य शक्ति है जो इतनी अव्यवस्थाओं के बाद भी भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों को पीछे छोड़ रहा है।

शक्ति पर्व नव दुर्गा के अंतिम दिवस रामनवमी के रूप में एक बार फिर ऐसा लगा, जैसे इतिहास दोहराया गया हो। अब भगवान राम ने वानरों के सहयोग से तब की महामारी शक्तिशाली रावण को परास्त किया था। आज भारत देश भी लचर स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों के बावजूद, जनसंख्या के सबसे अधिक घनत्व के बावजूद, आज के राक्षस कोरोना महामारी जंग लड़ रहा है। जबकि इस महामारी से लड़ने के लिए दुनिया के शक्तिशाली देश लड़खड़ा गए, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में सरकारों के हाथ कांपने लगे हैं। वही अमेरिका जैसा देश आशंका व्यक्त करने लगा है, यदि हालात बिगड़े तो प्राण शती होने की संख्या 2000000 से ऊपर जा सकती है।

भारत देश त्याग, तपस्या, का देश माना जाता है और कुछ लोगों को छोड़ दें तो इस कठिन दौर में अधिकांश भारतीयों ने त्याग तपस्या का परिचय दिया है। अधिकांश लोग जहां घोसला में कैद होकर हौसला दिखा रहे हैं, वही वे लोग धरती पर आधुनिक आवतार ही माने जा रहे हैं, जो अपनी जान हथेली पर रखकर जान की बाजी खेलकर लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं, जिन पर देशवासियों को गर्व है वही दुनिया नतमस्तक है लेकिन हर दौर में आसुरी प्रवृत्तियां विघ्न डालने का काम करती आई हैं। ऐसी ही कुछ प्रवृत्तियों ने इंदौर में ऐसा शर्मनाक कृत्य किया है, जिसके लिए शायद भगवान भी माफ ना करें क्योंकि कुछ लोगों ने उन डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया है, जो उन्हीं लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर उनके घर गए थे।

कुल मिलाकर भारत में शक्ति पर्व पर दुनिया को अपनी शक्ति से परिचय करा दिया है कि वसुदेव कुटुंब की भावना में जीने वाला भारत देश अंततः वैसे ही विजय को प्राप्त होगा जैसे किसी भी फिल्म के अंत में खलनायक हारता है और हीरो जीतता है। वे लोग भी इस महामारी के संकट से सबक ले सकते हैं, जिन्होंने जीतने के लिए छल कपट पाखंड का सहारा लिया, जो अपनी जीत के लिए दूसरों को मार देना चाहते हैं। इन सब का अंत बुरा होता है। दुनिया में भारत ही एक देश है, जिसने कभी भी पहले से किसी भी देश पर ना तो आक्रमण किया है और ना ही ऐसा कोई काम किया है, जिससे दुनिया की मानवता को खतरा पैदा हो सके वरन दुनिया को सही रास्ता दिखाने का काम समय समय पर करता रहा है और यही अंदर का सत्व तत्व आज भारत को शक्ति दे रहा है। 9 दिन में शक्ति अर्जित कर चुका भारत देश को भगवान राम की मर्यादा भी संबल प्रदान कर रही है और अधिकांश भारतीय मर्यादा का पालन कर रहे हैं, जो लोग इस समय मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं वह अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं क्योंकि यह समय धैर्य और संयम का है, जब दुनिया की बहादुरी नहीं चल पा रही तो हम घरों से बाहर निकलकर कौन सी बहादुरी दिखाना चाहते हैं, अभी तो जिस किसी को भी बहादुरी दिखाना है वह दिखा सकता है घर के अंदर रहकर किसी भी प्रकार की नशे को विदा करके अपने आस पड़ोस किसी जरूरतमंद की मदद करके और आगे के लिए शुभ संकल्पों को तय करके।


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