सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में 39 वॉ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

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राजकुमार प्रसुन।
वाराणसी (05 जनवरी 2022 )- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय मे 39वें दीक्षान्त समारोह का आयोजन हुआ जिसमे उ०प्र० की राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल व मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी ने शिरकत की।

समारोह की अध्यक्षा व कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन मे कहा कि संस्कृत व संस्कृति एक दूसरे के पूरक है संस्कृत के महत्व को देखते हुए नई शिक्षा निति मे इस भाषा को विशेष महत्व दिया गया है जिससे भविष्य मे संस्कृत भाषा को मजबूती मिलेगी भारतीय इतिहास की मूल्यवान धारोहर संस्कृत भाषा मे ही लिखी गयी है जो हमारी परम्परा व संस्कृति को विकसित करने मे सहायक है उन्होंने सस्कृत भाषा के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि संस्कृत एक अमृत्व भाषा है जिसमें 102 अरब 78 करोड़ 56 लाख शब्द निहित है। इसके उपरान्त विश्वविद्यालय की तरफ से लोकगीत कलाकार व पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी को लोक कला के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य हेतु डी० लिट् की मानद उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया उन्हाेने अपने वक्तव्य मे कहा कि शास्त्र मे व्याप्त जड़ताओ को दूर करने का कार्य लोक कलाओ ने ही किया।

शास्त्र व लोक का संगम सिर्फ भारत मे ही दिखता है विश्व के अन्य देशो मे नही ! उन्होने लोक परम्पराओ की चर्चा करते हए कहा कि विश्व के किसी भी संस्कृति मे लोक परम्परा नही पायी जाती और शास्त्रो को लोक मे उतारना ही होगा तभी हमारी लोक परम्परा मजबूत होगी।

उक्त समारोह मे विश्वविद्यालय व देश के अन्य भागो से आए हुए शिक्षार्थियो मे 1520 स्नातको को उपाधि 26 विद्यावारिधी (पीएचडी) एक विद्या वाचस्पति(डी० लिट्) तथा 63 स्वर्ण पदक 37 छात्र – छात्राओ को दिया गया।

इस समारोह अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो०हरे राम त्रिपाठी साहित शिक्षक, अधिकारी – कर्मचारी तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।


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