फ़र्ज़ी बिजली बिल भेजकर जनता को लूटना बन्द करो: क्रांतिकारी मज़दूर पार्टी(RWPI)

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भारत की क्रांतिकारी मज़दूर पार्टी(RWPI) की ओर से बिजली विभाग द्वारा भेजे जा रहे अनैतिक बिल, एक ही नाम से एक से अधिक कनेक्शन, मीटर रीडिंग के गलत होने, सहित तमाम समस्याओं को लेकर आज उपजिलाधिकारी-आलापुर(अम्बेडकरनगर) के माध्यम से जिलाधिकारी अम्बेडकरनगर एवं ऊर्जा मंत्री-उत्तर प्रदेश को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड-आलापुर को भी समस्याओं का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने के दौरान सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित रहे और नारेबाजी की। अधिशाषी अभियंता ने आश्वासन दिया कि महीनेभर के भीतर ही अलग-अलग गाँव मे कैम्प लगाकर वह खुद इन समस्याओं का समाधान करेंगे। एसडीएम ने बताया कि इस समस्या से सम्बंधित अधिकारी को अवगत कर दिया गया है और जल्द ही इसका निदान किया जाएगा।
आलापुर तहसील क्षेत्र के अराजी देवारा, बनकटा बुजुर्ग, बड़की पंडौली, बिजली तिहायतपुर, बिजली खाम, साबितपुर, भदयां, फरीदपुर हेठरिया, नथमलपुर हेठरिया, उमरौना, भरतपुर,सैथुआं,टण्डवा शुक्ल, इन्दौरपुर, राजेशहरयारपुर, पाठकपुर, चोरमरा कमालपुर आदि कई गाँवों में बिजली विभाग फ़र्ज़ी तरीके से मानकों से कई गुना ज्यादा बिल भेजकर पहले से ही बदहाल जनता की मुश्किलों को और बढ़ा रहा है। इन गाँवों की अधिकतर आबादी ग्रामीण या शहरी मज़दूर हैं। एक तरफ मंदी की शिकार शहरी उद्योग लोगों को रोज़गार नही दे पा रहे है तो वही दूसरी ओर सीएमईआई के आँकड़े बता रहे हैं कि मनरेगा में भी पहले की तुलना में काम कम हो गया है जिसकी वजह से लोगों के सामने दवा-इलाज़ से लेकर जीविका की बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही है। शासन-प्रशासन की तरफ से कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। ऊपर से सरकार और प्रशासन के दबाव में बिजली विभाग द्वारा अनैतिक तरीके से 20-25 हज़ार बिजली बिल भेजना शुरू कर दिया है। इससे पहले भी बिजली विभाग कुछ दिनों पहले यह कारनामा कर चुका है। तब भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी के नेतृत्व में लोगों ने 3 जनवरी को अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड आलापुर-अंबेडकरनगर को तथा 5 मार्च को उपजिलाधिकारी आलापुर-अम्बेडकर नगर को ज्ञापन सौंपा गया था। जिसके बाद कई गाँवों में कैम्प लगाकर बिजली विभाग इस अनियमितता की जाँच की लेकिन इसपर कोई कार्यवाही करने की जगह अब फिर से अपने पुराने ढ़र्रे पर लौट कर पहले से ही बदहाल जनता को लूटने की कोशिश में लग चुकी हैं। मोदी सरकार हर योजनाओं की तरह सौभाग्य योजना भी जनता के लिए घातक सिद्ध हुई। यह योजना जब लॉई जा रही थी तब शासन-प्रशासन-मीडिया आदि चिल्ला-चिल्लाकर गला फाड़ रहे थे कि गाँव मे सभी ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को मुफ़्त में बिजली मुहैया कराई जाएगी। लेकिन जब यह योजना जमीन पर उतरी तब ये सारी बातें जुमला साबित हुई और संपूर्णता में यह योजना आम गरीब-मेहनतकश आबादी के जेब से आखिरी सिक्का निकाल लेने की योजना साबित हो रही है। योजना को सफल दिखाने के सरकारी दबाव की वजह से कई लोगों के घर गलत नाम से मीटर लगाया है या एक ही नाम से फ़र्ज़ी कई कनेक्शन किया गया और हर कनेक्शन पर धड़ल्ले से हज़ारों रुपये का बिल भेजा जा रहा है। दरअसल सत्ता में बैठी फ़ासिस्ट योगी-मोदी सरकार को हर सार्वजानिक उपक्रम को औने-पौने दामों में अडानी-अम्बानी के हाथों में सौपना है, इसलिए सरकार नए-नए योजनाओं के तहत आम गरीब आबादी को भी इन सेवाओं के उपभोक्ता में बदल रही है ताकि जब ये सेक्टर बड़े-बड़े पूँजीपतियों के हाथों में जाये तब उनको किसी तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर का काम हाथ में लिए वगैर पहले दिन से ही समाज के सबसे निचले तबके को भी लूटने की खुली आज़ादी हो। और जबतक यह सेक्टर निजी हाथों में नही जाता तब तक लोगों को फ़ासिस्ट सत्ता मनचाहे ढंग से लूट रही है। फ्री कनेक्शन के नाम पर जिनके घर मीटर लगाया गया था अब उनको 10 हजार से लेकर 50 हजार तक और कई मामलों में तो 1 लाख रुपये तक का बिजली का बिल थमाया जा रहा है। बेशर्मी की हद तो यह है कि सरकार और विभाग यहीं नही रुकता बल्कि उर्जा प्रभार (Energy Charge) के अलावा मांग शुल्क (Demand Charge), बिजली शुल्क(Electricity Duty), वर्त्तमान घटक(Current Component) एवं बकाया घटक (Arrear Component) के रूप में अतरिक्त चार्ज भी लोगों और लादा जा रहा है। ऐसे में साफ है कि बिना संघर्ष के हम इस लूट से निजात नहीं पा सकते है।

अजय विश्वकर्मा पत्रकार


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