अब अनलॉक की उठने लगी आवाज

Share:

देश में लॉक डाउन को खोलने की समर्थक लोग भी जानते हैं किसके खुलते ही संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ेगा लेकिन लॉक डाउन के तीन चरण पूरे हो चुके हैं और इस दौरान कोरोना संक्रमित की संख्या 100000 के करीब पहुंच रही है लेकिन लंबा लॉक डाउन देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है ऐसे में कोरोना के संग जीना और धीरे-धीरे अनलॉक करने की मांग बढ़ने लगी है।
दरअसल पहले शराब दुकानों को खोलकर और फिर मजदूरों की घर वापसी में जगह-जगह लॉक डाउन अनलॉक नजर आया और इसमें इतनी लापरवाही हुई जिससे और अधिक संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। लॉक डाउन से उद्योग धंधे और व्यापार व्यवसाय लॉक रहे जिससे अर्थव्यवस्था भी चौपट हुई और बेरोजगारी भी बढ़ी। परिवहन ना होने से अनेक लोग अपने घरों से दूर अभी भी फंसे हुए हैं और कष्ट भरा जीवन जी रहे हैं। यही कारण है कि अब धीरे धीरे अनलॉक की ओर बढ़ा जाए और कोरोना के संग जीवन जीते हुए कामकाज को पटरी पर लाया जाए।
बहरहाल सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस को रोकने की थी और इसके लिए लगातार तीन चरणों में लॉक डाउन बढ़ाए गया और लोगों को अब कैसा सावधानी सतर्कता और जागरूकता के साथ जीवन जीना है यह भी समझा दिया गया है। अब धीरे धीरे लॉक डाउन ढील दी जा रही है।
लंबा लॉक डाउन आप्रवासी मजदूरो बेरोजगारों और किसानों के लिए कठिन परिस्थितियां पैदा कर गया है, अब अकाल जैसी स्थिति ना बने इसके लिए अनलॉक होना जरूरी था मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक आवश्यक ढील देने की कर दी है जोकि रेड जोन और ग्रीन जोन के लिए दिशानिर्देशों के साथ लागू होगा। उन्होंने 1 सप्ताह बाद फिर से समीक्षा करके और कुछ भेज देने की बात कही है।
सरकारें जितनी चौकसी और ईमानदारी उतने जल्दी लोगों की खुशियां लौटेंगे अर्थव्यवस्था को धीरे धीरे खोले जाने की दिशा में बढ़ने के लिए सबसे जरूरी सोशल डिस्टेंस सिंग जरूरी है। आम लोगों शारीरिक दूरी बनाए रखने की समझदारी दिखानी होगी यह तो तय है कि अब पहले जैसी खुशनुमा जिंदगी लौटना मुश्किल है या कहें कि अब अनुशासित जिंदगी जीना होगा और उसी में आनंद महसूस करना होगा और जितने जल्दी अनुशासन लोगों के विचार और व्यवहार में घुल मिल जाएगा अपने ही जल्दी अनलॉक की ओर सरकारें बढ़ेंगी क्योंकि लॉक डाउन के दौरान जरूरी काम तो बंद रहे लेकिन गैर जरूरी काम चोरी-छिपे चलते रहे मसलन पहले शराब ब्लैक में बिकती रही और जब दुकानें खोली गई लॉक डाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है ।
इसलिए अब अनलॉक करने की मांग भी बढ़ने लगी है और सरकारें भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है अब जरूरी है कि प्रत्येक आदमी अपना कर्तव्य समझकर नियमों का पालन करते हुए धीरे धीरे जिंदगी को पटरी पर लाए और व्यापार व्यवसाय भी शुरू हो सके। लोग उन परेशानियों से भी निजात पा सके जो लॉक डाउन के चलते हो रही है।

ब्यूरो प्रमुख : देवदत्त दुबे


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *