सटीक सलाह और जागरूक पाठक कोरोना के असल गेमचेंजर

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विश्व स्वास्थ्य संघटन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के सॉलिडैरिटी ट्रायल पर रोक लगाईं, एक बार फिर सही साबित हुई हमारी चेतावनी । सॉलिडैरिटी ट्रायल, विश्व स्वास्थ्य संघटन और उसके सहयोगियों द्वारा कोविड़ 19 का असरकारक उपचार ढूँढने के लिए शुरू की गई एक अंतर्राष्ट्रीय क्लिनिकल ट्रायल थी, जिसके अंतर्गत चार उपचार पद्धतियों का विश्व भर के चुनिंदा देशों में चुने गए संस्थानों में तुलनात्मक अध्ययन किया जाना था, जिसका विशुद्ध उद्देश्य, शीघ्रता से करोना के प्रभावी उपचार ढूंढने, बीमारी को रोक पाने, संक्रमण धीमा कर पाने या मृत्यु दर घटाकर, मरीज़ों की ज़िंदगी बढा पाना था, लेकिन इतने समय में ना सिर्फ़ सेल्फ़ मेडिकेशन की वजह से, बल्कि गहन चिकित्सा के तहत किए गए इस दवा के उपचार से भी मरीज़ों को ज़्यादा नुक़सान ही हुआ है, सामान्य उपचार की तुलना में । इसलिए अब इसपर रोक लगाने की घोषणा की गई है। जैसा कि पहले भी लिखा जा चुका है, कि कोरोना के उपचार में, कीड़े मारने और मलेरिया के उपचार में उपयोग आने वाली हाइड्रोक़्सीक्लोरोक्विन दवा का उपयोग बेहद अतार्किक था और इसकी वजह थी, इसके उपयोग से होने वाले गम्भीर कांप्लिकेशंस । ख़ास तौर पर हार्ट अटेक या ह्रदय की गति बिगड़ जाने वाले, इसलिए लेखक लगातार इसके चिकित्सकीय नियंत्रण और डॉक्टरी सलाह के बिना, इस दवा के सेल्फ़ मेडिकेशन और थोकबंद ब्लाइंड मास उपयोग के ख़िलाफ़ लगातार लिखता रहा है । फिर चाहे वो अतिउत्साही ट्रम्प महोदय द्वारा इस दवा की USFDA की अनुशंषा के बिना की गई घोषणा हो, या दुनियाभर को इस दवा की खेपें उपलब्ध करवाती भारतीय कंपनियां और राष्ट्रीय मंच से इसके सामूहिक उपयोग की घोषणा करते भारत के स्वास्थ्य अधिकारी की जुगलबंदियां। इस दवा के उपयोग पर लगातार हो रहे खुलासे, शोध और उपचार उपरांत उपलब्ध आँकड़ों के निष्कर्षों ने एक बार फिर इंडिपेंडेंट समीक्षक, रिसर्चर और इन्नोवेटर डाक्टर भुवनेश्वर गर्ग की सलाह और चेतावनियों पर मोहर लगा दी है। पूर्व में प्रकाशित लेखों में समय समय पर इस दवा के अनर्गल उपयोग और उससे होने वाले दुष्प्रभावों पर लगातार दी जा रही सलाहों पर बहुत से पाठकों ने अमल भी किया और आज वो सब स्वस्थ भी हैं। विश्व स्वास्थ्य संघटन द्वारा दो दिन पहले जारी विज्ञप्ति में इस दवा के मरीजों में एकतरफ़ा उपयोग और ट्रायल पर रोक लगाते हुए डबल्यूएचओ साफ़ साफ़ लिखता है कि इस दवा के उपयोग से भर्ती मरीज़ों की जान बचाने में कोई उल्लेखनीय सुधार नही हुआ, जबकि सामान्य उपचार से ज़्यादा फ़ायदा देखने में आया है इसलिए अब इसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाता है। साथ ही जनसाधारण के मास उपयोग को लेकर भी चेतावनी जारी कर दी गई है। यहाँ यह बताना अब बेहद जरुरी हो गया है कि चिकित्सकीय संकट काल में, दुविधा और संशय की स्थिति में आम जनता को सही ख़बर देना और उनको सटीक चिकित्सा जानकारी और उपाय बताने में चिकित्सक वर्ग सदैव अपना धर्म निभाता आया है । हालाँकि कमजोर इच्छाशक्ति वालों का समूह, बहुधा सरकारिया तंत्र और बाज़ार के कुत्सित प्रयासों के सामने घुटने और जमीर टेक देता है, लेकिन व्हिसल ब्लोअर्स ना तो लालच से डिगते हैं और ना ही बाजार और तंत्र के सामने अपना जमीर बेच, घुटने टेकते हैं। इसलिए एक बार फिर सभी से निवेदन है कि बाजार के हठधर्म, विज्ञापन के छल और चिकित्सा तंत्र के छद्म को समझें और जब सारी दुनिया के विशेषज्ञ जानते हैं कि इस बीमारी के लिए फ़िलहाल कोई दवा उपलब्ध है ही नही और स्थापित शोध तंत्र के नियमों के चलते, जब तक इसके अपेक्षित परिणाम सामने ना आ जाएँ, जिसमें दो साल से भी अधिक का समय लगेगा, तब तक इस दवा या और कोई भी, केसी भी दवा का उपयोग “सिर्फ़ एक प्रयोग” ही कहलाएगा, इस आपदा में और यही तो ग़रीब देशों के करोड़ों अरबों बेबस लोगों का, दशकों से शोषण करता आया “बाज़ार” चाहता है । इसलिए बेहद ज़रूरी है कि ग़रीब देशों का आम इँसां, ना तो इनका मोहरा बने और ना ही उनके प्रयोग का एक अदना सा जानवर। बेहतर होगा कि इस बीमारी पर लिखे गए सभी आर्टिकल्स का जनमानस बार बार अध्ययन करे (आप, सभी प्रकाशित लेखों को हमारे फेसबुक पेज https://www.facebook.com/bhuvneshawar.garg  पर पढ़ सकते हैं ) और इस बीमारी से डरे बिना, शांत संयमी और नियमित जीवन जीने का प्रयास करें, सुबह एक से दो घंटे धूप में खुले स्थान पर व्यायाम कसरत करें, हमेशा ताज़ा बना गरम पौष्टिक भोजन, गरम पेय पदार्थों का ही उपयोग करें और भरपूर नींद लें, बच्चों बूढो, बीमारों को भीड़ में ना जाने दें, ख़ुद भी बेवजह बाहर ना निकलें और लगातार बताई जा रही सारी सावधानियों फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग, मास्क और हरबार बीस सेकेंड साबुन से हाथ धोने की सलाह का पालन करें, यह बीमारी आपको छू ज़रूर सकती है, छुएगी भी और बेहतर इम्यूनिटी बनाने के लिए, इसके जैसी बीमारियों का आपको छूना ज़रूरी भी है, तब ही आपकी अपनी आंतरिक क्षमता, इम्यूनिटी, परिपक्व भी होगी और इन बीमारियों को तुरंत कंट्रोल भी कर लेगी। बस इतना ध्यान रखें कि आप किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित ना हों और आप तक पहुँचने वाला किसी भी तरह का वायरल लोड बहुत ज़्यादा ना हो । स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए और पढते रहिए .. डॉक्टर भुवनेश्वर गर्ग की “क्या करें क्या ना करें शृंखला” जो समय से पहले, आपको जागरूक और चैतन्य करने का अपना प्रयास विग़त बीस से भी अधिक सालों से करती आ रही है और अंतिम साँस तक करती भी रहेगी ! जयहिंद मिलते हैं कल, तब तक जय श्रीराम। 

डॉ भुवनेश्वर गर्ग 

Email: drbgarg@gmail.com.

Facebook: https://www.facebook.com/bhuvneshawar.garg 

डॉक्टर सर्जन, स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, हेल्थ एडिटर, इन्नोवेटर, पर्यावरणविद, समाजसेवक मंगलम हैल्थ फाउण्डेशन भारतसंपर्क: 9425009303 

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