विधानसभा से पारित मोब लिंचिंग बिल संविधान विरोधी,कानून विरोधी और झारखंड की परंपरा विरोधी……दीपक प्रकाश

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डॉक्टर अजय ओझा।

रांची, 27 दिसंबर । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवजी सांसद दीपक प्रकाश और नेता विधायकदल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री एवम रांची की महापौर श्रीमती आशा लकड़ा ,प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ,डॉ प्रदीप वर्मा भी शामिल थे।

प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज मॉब लिंचिंग का समर्थन नही करता और न ही भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार की मॉब लिंचिंग का समर्थन करती है।

श्री प्रकाश ने कहा कि लेकिन शीत कालीन सत्र में झारखंड विधानसभा से पारित बिल असंवैधानिक,गैर कानूनी और झारखंड की परंपराओं ,रीति रिवाज की व्यवस्था के खिलाफ है। यह बिल हेमंत सरकार की तुष्टीकरण नीति की पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि इस बिल में जो प्रावधान किए गए है यदि वो कानून बनते है तो आम आदमी का जीवन राज्य में बुरी तरह प्रभावित होगा।

कहा कि इसके प्रावधान समुदाय विशेष को खुश करने और वोट बैंक को मजबूत करने केलिय किये गए हैं।

कहा कि इस विधेयक में मॉब को गलत ढंग से परिभाषित किया गया है। इस बिल के आधार पर यदि दो व्यक्ति भले वे पति पत्नी ही क्यों न हों ,यदि किसी दुकानदार से सामान लेने से मना कर देते है, शिक्षण,स्वास्थ्य सेवाओं,पेयजल ,परिवहन व्यवस्था की त्रुटियों पर सवाल खड़ा करते हुए उसका बहिष्कार करते हों, तो यह मॉब लिंचिंग की माना जायेगा।

कहा कि ऐसे में किसी को निवास से बाहर करना भी अवैध माना जायेगा।

कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थानीय रीति रिवाजों के आधार पर कई फैसले लिए जाते है। इस बिल के अनुसार ऐसे दंडात्मक फैसले मॉब लिंचिंग माने जाएंगे। यह विधेयक लोक अदालत,पंचायती राज व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह सामाजिक परंपराओं ,संस्थाओं पर कुठाराघात है। धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाला है।


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