महिला बलात्कार,उत्पीड़न, हत्या में राज्य में रोज बन रहे नए रिकॉर्ड: गंगोत्री कुजूर

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डॉ अजय ओझा।

बेशर्म और बेरहम सरकार में बलात्कार की सीमाएं पार।

रांची, 18 जनवरी। चान्हो में हुई नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि हेमंत सोरेन के 2 वर्ष के कार्यकाल में महिलाओं की दुष्कर्म, उत्पीड़न और हत्या मामले में राज्य रोज नया रिकॉर्ड बना रही है।

कल चान्हो में हुई नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने राज्य को शर्मसार किया है ।
उन्होंने कहा कि एक नाबालिग आदिवासी नाबालिग बच्ची समाज और देश सेवा में जाने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह दौड़ कर अपने आप को तैयार कर रही थी। लेकिन राज्य सरकार की विधि व्यवस्था लचर होने के कारण उसके देश सेवा करने के सपनों को चकनाचूर किया गया। उन्होंने कहा कि 3 दिन से आरोपियों द्वारा नाबालिग का रेकी कर उक्त घटना को अंजाम दिया गया। लेकिन पुलिस विभाग के खुफिया तंत्र को पता तक नही चल पाया। अहले सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देना और जान मारने की नीयत से लोहरदगा ले जाना राज्य सरकार की पुलिसिया तंत्र की पोल खोलती है।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार बनने से लेकर अक्टूबर 2021 तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3152 बलात्कार की घटना घटी है,जो अपने आप मे चौकाने वाला आंकड़ा है।

उन्होंने कहा कि वह चाहे होनहार दरोगा रूपा तिर्की हत्याकांड ,कांग्रेसी विधायक द्वारा महिला के प्रति अभद्र टिप्पणी, रामगढ़ में पदस्थापित एसडीपीओ द्वारा अपनी पत्नी को प्रताड़ित करना, लातेहार में महिला स्वास्थ्य कर्मी का उनके सरकारी आवास से अपहरण कर रामगढ़ में बंदी बनाना और 2 लाख देने के बाद अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटना, सिमडेगा में मॉब लिंचिंग के शिकार संजू प्रधान की गर्भवती पत्नी को पुलिस के सामने मारकर कोख उजाड़ना, सिमडेगा में झरियो देवी को डायन बिसाही के नाम पर आग में डाल देना जिससे वह जीवन के लिए संघर्ष कर रही है, पाकुड़ में सोहराय पर्व मना कर लौट रही आदिवासी महिला की हत्या की घटना ने राज्य की बेटियों में भय का माहौल उत्पन्न हुआ है।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हेमंत सोरेन के राज में राज्य के किसी भी कोने में महिलाएं सुरक्षित नही है।
राज्य में आम महिला के साथ साथ पुलिस,स्वास्थ्य कर्मी, खिलाड़ी, छात्राएं कोई भी सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने स्थानीय विधायक और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य की इतनी बड़ी घटना घटित हुई है लेकिन न तो पीड़िता और उसके परिजन से मुलाकात कर सांत्वना देने उनके घर गए।

उन्होंने कहा कि बात -बात में ट्विटर पर ट्वीट करने वाले माननीय मुख्यमंत्री या सत्ता में बैठे हुए लोगो ने इस अमानवीय घटना को लेकर किसी प्रकार की सहानुभूति नही दिखाया।

जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का किया गया उलंघन।

नाबालिग को मानसिक और शारिरिक प्रताड़ना की गई: आरती कुजूर

भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कड़े शब्दों में कहा कि नाबालिग आदिवासी बच्ची का अपहरण और दुष्कर्म मामले में जेजे एक्ट का पालन करने में पुलिस विफल रही।

उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्ची को 11 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक थाने में बैठा कर रखना जे जे एक्ट का उलंघन है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से सवाल पूछा कि क्या थाना चाइल्ड फ्रेंन्ड्ली था? क्या थाना में चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस थी? क्या उसके साथ एनजीओ के लोग थे? क्या महिला काउंसलर थी? क्या बाल कल्याण समिति को सूचित किया गया था?
ये सभी नियम का उल्लंघन किया गया । उन्होंने कहा कि जेजे एक्ट में बच्ची से वही पूछताछ किया जाता है जहां बच्ची अपने आप को सहज़ महसूस करे। लेकिन थाने में 7 से 8 घंटा बैठाना और उसके बात रात में मेडिकल के लिए लें जाना जबकि इसपर त्वरित करवाई करते हुए मेडिकल कराना चाहिए था। पुनः दूसरे दिन बच्ची को भी थाना बुलाना, ये बच्ची जो पूर्व से ही मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से गुजरी हो उसे और भी प्रताड़ित करके डराने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं को महिला आयोग और बल संरक्षण आयोग अपने संज्ञान में लेती है लेकिन राज्य सरकार ने न ही बाल संरक्षण आयोग का गठन किया है और न ही महिला आयोग का।

श्रीमती कुजूर ने कहा कि निश्चित समय सीमा के अंदर फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दुष्कर्मियों को फांसी की सजा हो।

ज्ञात हो कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने निर्देशानुसार कल दिनांक 17.01.2022 को 4 सदस्यीय भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़िता और उनके परिजनों से मिलने गया था।

प्रेस वार्ता में भाजपा एसटी मोर्चा प्रदेश प्रवक्ता अनु लकड़ा उपस्थित थी।


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