रोजे़ का पवित्र महीना रमज़ान

Share:

मुसलमान रमज़ान के पवित्र महीने में रोज़ा रखते हैं, आत्मविश्लेषण करते हैं और प्रार्थना करते हैं। इसी महीने में मुस्लिमों के पवित्र किताब कुरान के लिए मोहम्मद को प्रारंभिक खुलासे प्राप्त हुए। रोज़ा रखना इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धातों में से एक है।

रमज़ान के महीने में प्रत्येक दिन मुसलमान भाई सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते, पीते, उन्हें मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए, न ही किसी से बुरा बर्ताव करना चाहिए।

रमज़ान का महीना खत्म होने पर मुसलमान परिवार और मित्रों के साथ ईद – अल – फितर के दिन मिलकर भोजन करके रोज़ा तोड़ देते हैं। ईद – अल – फितर मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है। इस त्यौहार को तीन दिवसीय त्यौहार के रूप में जाना जाता है।
रमज़ान हमेशा बारह महीने के इस्लामिक कैलेंडर में नौवें मीहने पर आता है। इस वर्ष २॰२१ में रमज़ान आज १२ अप्रैल सूर्योदय से प्रारंभ हो चुका है।


Share: