खोदा पहाड़ निकली चुहिया : दीपक प्रकाश

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डॉ अजय ओझा।

हेमंत सरकार ने जनता का विश्वास खोकर विधायकों का जीता विश्वास।

विश्वास मत हासिल करने पर भाजपा अध्यक्ष का राज्य सरकार पर कड़ा हमला।

रांची, 5 सितंबर । हेमंत सोरेन सरकार द्वारा झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करके विश्वास मत हासिल करने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि इस सत्र को लेकर जिस प्रकार वातावरण बनाया गया मानो हेमंत सरकार सत्र बुलाकर कोई बड़ा निर्णय लेने जा रही है। जनता को उम्मीद थी कि सुखाड़ पर किसानों को बड़ी राहत देने, खतियान आधारित स्थानीय नीति पर, महिलाओं पर बढ़ते अपराध एवम् ओबीसी, एसटी और एससी आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रस्ताव को लेकर सदन में गंभीर चर्चा होगी और कुछ पर मुहर भी लगेगी परंतु आज का यह विशेष सत्र “खोदा पहाड़ और निकली चुहिया” की कहावत चरितार्थ करता नजर आया। आज मुख्यमंत्री ने विधानसभा में खुद के लिए खुद के द्वारा लाए गए खुद के विधायकों से विश्वासमत लिया। झारखंड सरकार ने विधायकों का विश्वास तो हासिल किया लेकिन झारखंड की जनता का विश्वास खो दिया। हास्यास्पद बात है कि जब सरकार चल ही रही है तो फिर इस प्रकार की नौटंकी और हंगामा किसलिए। राज्य सरकार द्वारा इस मामले में पहले पिकनिक के लिए खूंटी फिर छतीसगढ़ के रायपुर में विधायकों को बंधक बनाकर इतना तमाशा करने की क्या जरूरत थी। हम कह सकते हैं कि झारखंड सरकार डरी सहमी और पूरी खोखली है। बिना पूछे और बिना किसी से मांगे ही खुद ही विश्वास मत हासिल करने का दिखावा कर रही है।

श्री प्रकाश ने कहा कि किसी भी सरकार का कमिटमेंट राज्य की जनता से होता है। परंतु हेमंत सरकार तो राज्य की जनता का ही विश्वास खोकर अपने ही विधायकों का विश्वास जीतने में लगी हुई है। पूरा राज्य अपराध, लव जिहाद से सुलग रहा है। पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है। एक मामला ठंडा भी नहीं होता कि दुसरा सामने आ जाता है। अगर राज्य सरकार में थोड़ी भी शर्म और जनता के प्रति तकलीफ होती तो यह सरकार अंकिता, दुमका में दुष्कर्म कर पेड़ से टांगी गई आदिवासी बेटी, लोहरदगा की लव जिहाद की शिकार आदिवासी बेटी सहित तमाम ऐसे पीड़ित परिवारों का विश्वास जीतने का प्रयास करती। अपराधियों को वोटबैंक के चश्मे से नहीं देखते हुए उन्हें कठोरतम सजा दिलाने की दिशा में ठोस कार्रवाई करती। परंतु ऐसा करना छोड़ मुख्यमंत्री उल्टा पीड़ित परिवार के जख्मों को कुरेदते हुए कहते हैं कि ऐसी छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती है।

झारखंड की अस्मिता का सौदा करने वाले तिरंगे झंडे का मोल क्या समझेंगे?

इसी दौरान विधान सभा में हेमंत सोरेन द्वारा तिरंगा पर की गई टिप्पणी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने तल्ख तेवर में मुख्यमंत्री के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि झारखंड की अस्मिता का सौदा करने वाले तिरंगे झंडे का मोल क्या समझेंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में हमारे तिरंगे को लेकर जो बयान दिया है वह झारखंड ही नहीं पूरे देश को शर्मसार करने वाला है। यह केवल तिरंगे का अपमान नहीं बल्कि देश का, शहीदों का, माटी का अपमान है। इस तिरंगे की आन, बान और शान के लिए कितने सपूतों ने अपनी कुर्बानियां दे दी, उस तिरंगे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री की सोच निंदनीय है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और कांग्रेस अविलंब जनता से माफी मांगे। अन्यथा भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में इसको लेकर आंदोलन करेगी।

पत्रकारों के साथ अभद्रता और हमला दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं विधानसभा परिसर में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकाuरों के साथ हुई अभ्रदता और उनपर हमला को भी प्रदेश अध्यक्ष ने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि क्या मुख्यमंत्री जी और उनके विधायकों को अब मीडिया और पत्रकारों से भी डर लगने लगा है ?


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