डीजीए के कई डाक्टर व मेडिकल स्टाफ़ को किया गया क्वारेन्टाईन

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बोकारो, 10 अप्रैल (हि.स.)। बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में कोरोना संक्रमण से राज्य के पहले निधन के बाद पूरे बीजीएच में हड़कंप सा मच गया है। अस्पताल के कई वरिष्ठ चिकित्सकों और चिकित्साकर्मी हाई रिस्क पर आ चुके हैं। उन सबको को होम अथवा होटल क्वारेंटाइन में रखवा दिया गया है। 
सिविल सर्जन डा. एके पाठक ने बताया कि बीजीएच के जो भी डाक्टर या नर्सिंग स्टाफ 75 वर्षीय कोरोना संक्रमित मृतक के सीधे संपर्क में आए थे, वे हाई रिस्क पर थे। इसलिए उनको क्वॉरेंटाइन में रखा गया है। अगर उन सबों में कोई भी कोरोना संबंधी लक्षण पाया जाता है तो उनकी भी टेस्टिंग कराई जाएगी। 
आवश्यकता पड़ने पर सैंपल लिए जाएंगे। सिविल सर्जन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत एक्सीडेंटल कोरोना डेथ थी। इसमें बीजीएच की ओर से कोई चूक नहीं हुई। जो मरीज भर्ती हुआ था, शुरू में उसमें ऐसा कोई भी लक्षण नहीं था, जिससे यह पता चले कि वह कोरोना संक्रमित था। न ही मरीज के परिजनों की ओर से इस बारे में कुछ बताया गया। बाद में जब उसमें कोविड- 19 के लक्षण दिखे और जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और यह एक तरह से एक्सीडेंटल केस हो गया। इसलिए अब पूरी निगरानी की जा रही है कि कौन-कौन लोग उनके संपर्क में आए। वे चाहे डॉक्टर हों, मेडिकल स्टाफ हों या कोई और। सभी संपर्क को ट्रेस किया जा रहा है। 
एक अन्य प्रश्न के जवाब में डा. पाठक ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में नए-नए केस आ रहे हैं। कोरोना में क्लासिकल केस छोड़कर केवल कुछ लक्षणों और संदेह के आधार पर ही पता चल पा रहा है। सीसीयू वार्ड में बुजुर्ग के बगल वाले बेड पर भर्ती चंदनकियारी के एक मरीज की मौत को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं। सीसीयू में हाई रिस्क वाले मरीज ही रहते हैं। हो सकता है स्वाभाविक मौत हो।


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