प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से बीपीसीएल कंपनी की सीबीआई से जांच कराने की मांग

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प्रयागराज। भाजपा नेता व पूर्व जिला मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भेजा और पत्र में लिखकर बताया कि प्रयागराज की धरती पर, गंगा तट पर नैनी इंडस्ट्रियल एरिया का उद्योग जगत में एक बड़ा नाम रहा है यहाँ पर टीएसएल, बीपीसीएल, आईटीआई, एचसीएल, रेकरान,जीईसी और बैद्यनाथ आयुर्वेद जैसी कई कंपनियां देश को उत्पाद के साथ रोजगार प्रदान करता रहा है।आज इस पूरे नैनी इंडस्ट्रियल एरिया को सैनिटाइज कर दफन करने की लगातार कोशिश चल रही है। इन कंपनियों में बीपीसीएल एक ऐसी कंपनी है जो भारत सरकार का नम्बर एक का उपक्रम रहा है और यह कंपनी हमेशा से अपने उत्पाद के दम पर ही अपने कर्मचारियों का भरण पोषण करता आया है आज भी इस कंपनी की क्षमता है कि अपने उत्पाद के बल पर,आज भी लगभग हजार लोगों को रोजगार दे सकता है। परंतु दुर्भाग्य है कि केंद्र में व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद इस कंपनी का सदुपयोग नहीं कर पा रहे।
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश तिवारी ने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी लाखों लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण अपने प्राणों को काल के मुंह मे चले गए।कोरोना कालखंड में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए है यह कंपनी संजीवनी की तरह पूरे प्रदेश के लिए काम आ सकती है यूपी सरकार काफी हद बढ़ी और कंपनी को चालू करवाया।सिलेंडर बनने शुरू हो गए।कंपनी में पंद्रह हजार सिलेंडर का कच्चा माल पड़ा हुआ है। परंतु अब इस कंपनी को तानाशाही ढंग से नकारात्मक प्रबंधन के कारण बंद किया जा रहा है और इसमें 64 युवा कर्मचारियों को एक प्रकार से जबरदस्ती बीआरएस दिया जा रहा है जो कि बेहद शर्मनाक है। बीपीसीएल लगभग 6000 से ज्यादा हैवी ड्यूटी पंप जो कि कई बड़ी ऑयल कंपनी,रिफाइनरी कंपनी व भारत सरकार के न्यूक्लियर पावर में उपयोग होने वाले पंप दिए हैं जिसका आज भी स्पेयर पार्ट व मेंटेनेंस से ही लगभग 200 करोड़ सालाना आय कंपनी की है जिसमें आज भी लगभग हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता है। इसके लिए युवक कर्मचारी लगातार केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के पास जाकर नीति आयोग,भारी उद्योग मंत्रालय में लगातार प्रयास कर रहे थे।नीति आयोग ने जब सही तथ्य को जाना तो बीपीसीएल को चलाने का पक्षधर हो गया। उन्हें आश्वासन भी मिलता रहा है,परंतु आज सफलता नहीं दिख रही। परिणाम स्वरूप सभी कर्मचारियों को जबरन बीआरएस देकर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है जिनका भविष्य अंधकार व निराशाजनक जीवन जीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बीपीसीएल कंपनी बीमार न होने के बावजूद इस कंपनी को बीमार कंपनी का टैक लगाकर बंद किया गया। प्रदेश सरकार की तरफ से इसे खोलने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है परंतु केंद्र में बैठे ब्यूरोक्रेट्स किसी भी तरीके की बात को सुनने के तैयार नहीं है। बीपीसीएल के अंदर बैठे प्रबंधन के लोगो से बात करके लगता है जैसे उन्हें इस कंपनी को बंद करने में अपार खुशी मिल रही है उसके साथ यूनियन के कुछ पदाधिकारी भी खुश नजर आते हैं यह सब मंजूर देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस कंपनी को बंद करने में एक बहुत बड़ी साजिश हुई है बहुत बड़ा भ्रष्टाचार की भेंट पर कंपनी चढ़ चुकी है। प्रयागराज का सामाजिक नागरिक होने के नाते जमुनापार की अस्मिता और विरासत को बचाने कदम बढ़ा रहा हूँ।
दिनेश तिवारी ने प्रधानमंत्री व प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से बीपीसीएल बंद होने से लेकर कंपनी को किसी दूसरे प्राइवेट कंपनी को हस्तांतरण करने के बीच जो भ्रष्टाचार है उसका उजागर किया जाए, बीपीसीएल एवं भारी उद्योग दिल्ली के अधिकारियों जो संलिप्त है और पूरे घटनाक्रम की किसी भी स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई जांच की मांग किया है। प्रयागराज के साथ अन्याय है जमुना पार वासियों के साथ अन्याय है युवाओं के साथ अन्याय है रोजगार को खत्म करने की साजिश है हम सबको मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।


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