नकली इंजेक्शन बेचने वालों के बैंक खातों की जांच शुरू

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प्रयागराज। ब्लैक फंगस के नकली एमफोनेक्स इंजेक्शन बेचने के मामले में जेल भेजे गए प्रयागराज के दोनों मेडिकल स्टोर संचालक पंकज अग्रवाल और मधुरम वाजपेई के बैंक खातों की जांच शुरू हो गई है। इंजेक्शन खरीदने वाले स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के डॉक्टर और नैनी में ऑबलीगो मेडिकल स्टोर चलाने वाले पंकज अग्रवाल के बीच रुपयों का लेनदेन ऑनलाइन हुआ था। इंजेक्शन के रुपये बैंक खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हुए। अब बैंक खातों की डिटेल जुटाई जा रही है कि कितनी रकम किसके खाते में गई, साथ ही अन्य कई कालाबाजारियों और रैकेट चलाने वालों ने तो एकाउंट में रुपये नहीं ट्रांसफर किए थे। गिरफ्तार हुए पंकज और मधुरम ने अपने बैंक खातों के बारे में पुलिस अफसरों को जानकारी दी थी। गिरफ्तारी करने वाले एसीपी त्रिपुरारी पांडेय का कहना है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हुए हैं, ऐसे में बैंक से डिटेल मांगी गई है।

कानपुर पुलिस ने ब्लैक फंगस के नंकली इंजेक्शन बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया तो प्रयागराज के दो मेडिकल स्टोर संचालक नैनी के पंकज अग्रवाल और कालिंदीपुरम के मधुरम वाजपेई का नाम सामने आया। कानपुर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। खुलासा हुआ कि एसआरएन अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर को पंकज ने नकली इंजेक्शन बेचा था। जिस मरीज को वह इंजेक्शन लगा, उसकी मौत हो गई। इसी के बाद मामले ने तूल पकड़ा। पूछताछ के बाद बयान दर्ज होने में साफ हुआ कि एसआरएन अस्पताल के डॉक्टर ने पंकज से इंजेक्शन लेने के बाद उसे ऑनलाइन पेमेंट किया था। पुलिस इसे अहम सबूत मान रही है। ऐसे में अब पंकज के उस खाते की जांच कर लेनदेन का ब्योरा निकाला गया है। पंकज के अलावा मधुरम के खाते की जांच भी हुई है। पंकज का मेडिकल स्टोर नैनी के अच्छे स्टोर में शुमार है। वह प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन फुटकर संगठन का बहुत पुराना सदस्य है। जेल भेजे जाने के बाद भी पंकज को एसोसिएशन से निकाला नहीं गया। अध्यक्ष लालू मित्तल का कहना है कि अभी वह दोषी नहीं पाया गया है। इंजेक्शन के रुपये ऑनलाइन लिए गए। इससे साफ है कि पंकज ने लिखापढ़ी में इंजेक्शन बेचा। इंजेक्शन नकली है, यह अभी साबित होना बाकी है। अध्यक्ष का कहना है कि एसोसिएशन कालाबाजारी और नकली दवा बेचने वालों पर खुद कार्रवाई कराने को तैयार है।


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