उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव-इस बार बड़ा परिवर्तन

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सरकारें और चुनाव आयोग लगातार राजनीति को साफ-सुथरा करने की कवायद हमें लगे हुए हैं। वहीं अबकी बार उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में समस्त प्रत्याशियों को एक हलफनामा देना होगा, जिसमें प्रत्याशियों को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमे और अपनी संपत्ति का पूर्ण विवरण देना होगा यहां तक कि संपत्ति विवरण  में प्रत्याशी को पति पत्नी और अपने बच्चों के भी  संपत्ति का विवरण देना होगा,ऐसा आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश डा धनंजय चंद्रचूड़ और यशवंत वर्मा ने 5 वर्ष पहले दिया था जिसे अब लागू करने की तैयारी है।क्या था मामला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन ने कपिलवस्तु वेलफेयर सोसायटी की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय से अपील की थी कि उत्तर प्रदेश में पंचायत  चुनाव लड़ने वाले समस्त प्रत्याशियों से उनका आपराधिक और आर्थिक ब्योरा मांगा जाय।जिस पर अदालत ने फैसला दिया और जिसे जल्द होने वाले पंचायत चुनाव में लागू किया जाएगा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और मामले में पैरवी करने वाले अनिल सिंह बिसेन ने बताया किएसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि मतदाताओं को अपने प्रत्याशियों के आपराधिक व संपत्ति की जानकारी रखना भारतीय संविधान के अनुछेद 19(1) ए के अंतर्गत अधिकार है और इस तरह के फैसले से चुनाव में पारदर्शिता आएगी और मतदाता सही और गलत का चुनाव कर सकेंगे।


कौन हैं अनिल सिंह बिसेन


अनिल सिंह बिसेन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हैं और उत्तर प्रदेश सरकार, सेवा और शिक्षा विभाग के साथ-साथ तमाम भर्तियों में प्रतियोगी छात्रों के अधिवक्ता रह चुके हैं । 


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