तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर रोक की घोषणा बेअसर

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मनोज करवरिया मो० 6387244837

10 अप्रैल, कौशाम्बी। गुटखा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा पिछले दिनों सरकार द्वारा की गई थी ,वही तंबाकू उत्पादन बिक्री तथा भंडारण पर रोक की घोषणा ने इनकी कालाबाजारी ब्लैक मार्केटिंग पान मसाला बढ़ा दी इसके बाद से ग्रामीण अंचलों में अधिकांश विक्रेताओं की और तंबाकू गुटखा उत्पादों पर अंकित कीमत से ज्यादा डबल मूल्य लिया जा रहा है।

यूपी सरकार की ओर से तंबाकू, गुटखा, निकोटीन, मैग्नीशियम, कार्बोनेट और मिनरल आईल से युक्त पान मसाले तथा फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन बिक्री तथा भंडारण पर रोक की घोषणा  ने इनकी कालाबाजारी बढ़ा दी है । गुटखा बैन यूपी सरकार घोषणा के बाद से ग्रामीण अंचलों में अधिकांश विक्रेताओं द्वारा तंबाकू उत्पादों पर अंकित कीमत से ज्यादा मूल्य ब्लैक मार्केटिंग इनसाइट्स तम्बाखू मसाला लिया जा रहा है । गुटखा( tobbaco sell) इस मनमाने पन से गुटका सुपारी बीड़ी सिगरेट आदि का सेवन करने वालों की जेब कट रही है वहीं सरकार के आदेश का असर भी बेअसर सा नजर आ रहा है ।
वही प्रति पैकेट 40 से 50 बढ़ाए गए, गुटखा बैन कौशाम्बी क्षेत्र में जहां सेल्समैनो ने प्रति पैकेट 40 रुपये से 50 रुपये बढ़ा दिए हैं, वही विक्रेता प्रति पाउच इन का 2 गुना मूल्य तक ले रहे हैं । यूपी कौशांबी में 10 रुपये वाली सिगरेट के 15 रुपये तक देने पड़ रहे हैं गुटखे के पाउच पर भी तीन से चार रुपए अधिक लिए जा रहे हैं  ।
देवीगंज कस्बा क्षेत्र भी इस कालाबाजारी से प्रभावित हो रहा है । अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई कौशाम्बी और उसके आसपास के कई क्षेत्रों में हानिकारक तत्व वाले पान मसाले और फ्लेवर्ड सुपारी  पर प्रतिबंध की घोषणा के बावजूद बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं ,प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही यहां क्षेत्र के पान मसाला बेचने वाले कारोबारियों और थोक विक्रेता दुकानदार गुटखा की कालाबाजारी कर रहे हैं । यहां अंकित मूल्य से  दुगने दामों पर गुटखा बेचा जा रहा है टोबैको गुटखा बैन यूपी सरकार द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है ।
 कौशाम्बी सर्किल से जुड़े कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बड़े दुकानदार तो गुटखा को अपनी दुकानों से हटाकर अन्य जगह स्टॉक कर ब्लैक कर रहे हैं और अंकित मूल्य से भी अधिक वसूली कर रहे हैं सेल्समेन छोटे रिलेटिव रीटेलर दुकानदारों को अंकित मूल्य से अधिक बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है । वही गुटखा वादी ग्राहक अधिक मूल्य से लड़ाई करने पर आमदा हो जाता है ,क्या सरकार इसपर ध्यान नही देगी।


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