तूफान तो बहुत देखे लेकिन जो तबाही यास ने मचायी वह ताउम्र याद रहेगी

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डा अजय ओझा।

कोलकाता:-चक्रवाती तूफान ‘यास’ ने पूर्व मिदनापुर के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट दीघा को तहस-नहस कर दिया है। जहां लोग सारा दिन समुद्र के खूबसूरत किनारों के सामने चहल कदमी करते थे, वहां आज नजारे कुछ अलग हैं। फुटपाथ टूटे हुए हैं, सडक़ों पर पेड़ गिरे पड़े हैं, बिजली कट गई है, समुद्र के किनारे रखे रहने वाले बड़े-बड़े पत्थर लहरों के साथ बहकर सडक़ों पर हैं। कई छोटे-बड़े रेस्तरां टूट पड़े हैं। सबकुछ उजड़ा हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चक्रवात तो बहुत देखे, लेकिन जितना नुकसान ‘यास’ की वजह से हुआ है उतना पहले कभी नहीं हुआ था। गनीमत रही कि मौसम विभाग से पहले ही अलर्ट मिल गया था जिसके कारण समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को तो सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया गया था, वरना कई जानें चली जातीं।
तूफान से केवल आर्थिक क्षति हुई है। व्यवसायियों और स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीएम मोदी से उम्मीद जताये हुए हैं.उन्हें उम्मीद है कि सरकारी मदद से सब कुछ फिर से ठीक हो जाएगा।

सुंदरवन में भी भारी तबाही

दीघा के साथ-साथ ‘यास’ ने समुद्र के तट पर बसे सुंदरवन में भी भारी तबाही मचाई है। गोसाबा, लिबासपुर, रंगाबेलिया, कैखली, हलदरबाड़ी आदि क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से जलमग्न हैं। गंगा और समुद्र का संगम सुंदरवन के क्षेत्र को इससे पहले दो बड़े चक्रवात आईला और अम्फन ने तहस-नहस कर दिया था। अब यास चक्रवात आया है और एक बार क्षेत्र में सारे बांध टूट गए हैं। जंगली क्षेत्र होने की वजह से अस्थाई तौर पर बनाए गए लोगों के घर-बार पानी में बह गए हैं और एक बार फिर खुले आसमान के नीचे रहने को लोग मजबूर हैं। यह इलाका अनगिनत नदियों से भरा पड़ा है जिनके पानी को रिहायशी क्षेत्रों में जाने से रोकने के लिए कच्चे बांध बने हैं। जब नदी का बांध टूटता है तो दूसरी जगह से मिट्टी लाकर बांध को दोबारा ठीक किया जाता है। हर बार जब चुनाव आते हैं तो नेता कच्चे बांधों को पक्के बांध में तब्दील करने का वादा कर जाते हैं पर सदियों से बांध के साथ-साथ वादे भी कच्चे ही निकलते रहे हैं।


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