जबरजस्ती धर्मांतरण करवाने के मामले में फसे शुआट्स मैनेजमेंट ने पूर्व कर्मचारियों और छात्र संघ पर लगाया आरोप

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प्रयागराज। शुआट्स के मीडिया प्रभारी डा. रमाकान्त दूबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विश्वविद्यालय के बर्खास्त कर्मचारी व पूरा छात्र एक संगठित गिरोह बनाकर शुआट्स अधिकारियों को धर्मांतरण प्रकरण में फंसाने का षड्यंत्र रच रहे है। इस संगठित गिरोह में विश्वविद्यालय के बर्खास्त कर्मचारी आईजेक फ्रैन्क, पूरा छात्र दिनेश शुक्ला एवं सर्वेन्द्र विक्रम सिंह शामिल हैं।

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डा. दूबे ने बताया कि शुआट्स एवं यीशु दरबार चर्च में कभी भी धर्मांतरण का कार्य नहीं किया गया है। धर्मांतरण का आरोप लगाने वाला आईजेक फ्रैन्क शुआट्स का बर्खास्त कर्मचारी है जो निजी स्वार्थ में ब्लैकमेलिंग हेतु अनैतिक दबाव बनाने के लिये झूठा आरोप लगा रहा है। यीशु दरबार चर्च की प्रार्थना सभा में आईजेक फ्रैन्क परिवार सहित शामिल होता रहा है उस दौरान कभी भी इसने धर्मांतरण का आरोप नहीं लगाया था। वर्तमान में शुआट्स द्वारा आईजेक फ्रैन्क के गैरकानूनी व अनैतिक कार्यों के लिये उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है, माननीय न्यायालय में वाद भी चल रहा है। शुआट्स पर पैरवी न करने का दबाव बनाने के लिये आईजेक फ्रैन्क, शुआट्स अधिकारियों पर झूठा व मनगढ़न्त आरोप लगा रहा है जिसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है।

संगठित गिरोह में शामिल पुरा छात्र दिनेश शुक्ला छात्र अवधि में अनैतिक कार्यों में लिप्त था जिसके कृत्यों के कारण एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट सं0 245/14 नैनी थाने में दर्ज है। दिनेश शुक्ला द्वारा शुआट्स में नौकरी की मांग की गई, मांग पूरी न होने पर सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय अधिकारियों के खिलाफ झूठा आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने लगा। इस सम्बन्ध में मा0 मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है। दिनेश शुक्ला द्वारा विश्वविद्यालय में जबरन घुसकर छात्रों को भड़काने व अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया एवं 50 लाख की रंगदारी मांगी गई जिसके लिखे नैनी थाने में दिनांक 9 दिसंबर 2022 को प्रार्थना पत्र दिया गया। इसीलिये पेशबन्दी में दिनेश शुक्ला, शुआट्स अधिकारियों को फतेहपुर धर्मांतरण प्रकरण में फंसाने के लिये झूठा बयान एवं भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर रहा है।

संगठित गिरोह में शामिल पुरा छात्र सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने वर्ष 2010 में बीटेक डेयरी टेक्नोलाॅजी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। बाद में सर्वेन्द्र विक्रम सिंह गैर कानूनी रूप से दबाव बनाने लगा कि विश्वविद्यालय द्वारा उसे बीटेक डेयरी टेक्नोलाॅजी में उत्तीर्ण की डिग्री दी जाये। डिग्री नही देने पर विश्वविद्यालय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी देने लगा। विश्वविद्यालय द्वारा सर्वेंद्र विक्रम की मांग पूरी नहीं की गई जिसके कारण पेशबन्दी में सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने झूठी घटना के आधार पर शुआट्स अधिकारियों के नाम फतेहपुर कोतवाली में धर्मांतरण की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी।


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