संगीत विभाग (राजस्थान विश्वविद्यालय), स्वर्ण जयंती एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

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डॉ अजय ओझा।

“कलाओं में वसंत”।

संगीत विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभाग के स्वर्णजयंती समारोह एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी “कलाओं में वसंत” का हुआ आयोजन।

रांची, 23 जनवरी ।।संगीत विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभाग के स्वर्णजयंती समारोह एवं अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी “कलाओं में वसंत” के आयोजन के सुअवसर पर उद्धघाटन सत्र का दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के द्वारा शुभ आरम्भ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति राजीव जैन द्वारा की गयी।

मुख्य अतिथि के रूप में आई.ए.एस. डॉ. के.के. पाठक उपस्थित हुए। विशिष्ठ अतिथियों में प्रो. सी.एस.मेहता ( पूर्व डीन फैकल्टी ऑफ़ फाइन आर्ट्स, पूर्व हेड ड्राइंग एंड पेंटिंग, राजस्थान विश्वविद्यालय), पं. कुंदनमल शर्मा (प्रसिद्ध कलाकार एवं गुरु गायन), डॉ. शशि सांखला (प्रसिद्ध कलाकार एवं गुरु कत्थक), श्री वासुदेव भट्ट (वरिष्ठ कलाकार, तमाशा शैली) ने शिरकत की।

अतिथियों का स्वागत भाषण प्रो. प्रदीप शर्मा द्वारा दिया गया। विभागाध्यक्षा डॉ. अंजलिका शर्मा द्वारा संगोष्ठी एवं विभाग के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संगीत विभाग द्वारा अब तक की गयी प्रगति की विस्तृत जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर विभाग की स्मारिका “संगीत वारिधि” का भी विमोचन किया गया। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में श्री उदयन वाजपेयी (प्रसिद्ध कवि एवं निबंधकार) द्वारा बीज वक्तव्य के रूप में निम्न पंक्तियाँ कही गयी – “वसंत ऋतु, कलाओं में उद्दीपन का कार्य करती है।”

कालिदास की प्रथम कृति ऋतुसंहारम में भी वसंत का अद्भुत वर्णन किया गया है। अभिनव गुप्त ने श्रृंगार रस को रसराज की संज्ञा दी है। आपके द्वारा गन्धर्व एवं गान के मध्य अंतर को भी विवेचित किया गया।

इसी दौरान चलने वाले तकनीकी सत्र संगीत एवं दृश्य कलाओं में वसंत का अन्तः सम्बन्ध एवं प्रभाव पर प्रतिभागियों ने पत्र वाचन किये एवं अध्यक्षता आई.यू. खान जी ने की।

समारोह में राजस्थान सरकार में कैबिनेट शिक्षा मंत्री श्री बी.डी.कल्ला जी भी उपस्थित हुए जिन्होंने राजस्थान की कला एवं संस्कृति के विविध पक्षों पर चर्चा की। विभाग के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गयी। उज्जैन से पधारे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक श्री सुधाकर देवली जी द्वारा वसंत राग में मधुर प्रस्तुति दी गयी।

द्वितीय प्रस्तुति दुबई से पधारे प्रसिद्ध वायलिन कलाकार मोहम्मद हमामी जी द्वारा दी गयी। विशेष प्रस्तुति के रूप में विभाग के छात्र-छात्रों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गयी। सांस्कृतिक संध्या में पद्मश्री मोहिनुद्दीन (सारंगी वादक) मुख्य अतिथि रहे। मीनाक्षी हूजा, वीणा कस्सेट्स के के.सी.मालू जी एवं प्रो.अल्पना कटेजा विशिष्ट अतिथि रहे।

इस संध्या की अध्यक्षता प्रो.माया रानी टाक द्वारा की गयी। अनुभूति, नाट्य प्रस्तुति, योग प्रस्तुति एवं लोक नृत्य की प्रस्तुतियों ने समां बांधा और दर्शकों की सराहना प्राप्त की।


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