आशा कर्मी कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद बीडीओ ने को चुनावी ड्यूटी में लगाया

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कोलकाता, 29 अप्रैल । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें चरण के मतदान के दौरान मालदा से एक हैरत करने वाली घटना सामने आयी है। कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद एक आशा कर्मी को चुनाव ड्यूटी करने के लिए बाध्य होना पड़ा। बुखार और खांसी से पीड़ित होने के बावजूद वह चुनाव के दौरान ड्यूटी करती दिखीं, हालांकि बाद में खबर सामने आने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी।

आरोप है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के बावजूद उन्हें जबरन मतदान केंद्र भेजा गया। घटना मालदह विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 160 पर हुई। मालदा के साहपुर जूनियर बेसिक स्कूल का यह वाकया है।‌ अन्य बूथों की तरह ही इस बूथ पर मतदाताओं की लंबी लाइन थी। उक्त आशाकर्मी ने बताया कि बुखार और खांसी के कारण उन्होंने 24 तारीख को मौलपुर ग्रामीण अस्पताल में कोरोना की परीक्षण करवाया था। 28 तारीख को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्होंने पूरे मामले को ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी और बीडियो को बताया, लेकिन उनमें से कोई भी उसकी बात नहीं सुनना चाहता था। उल्टे में पुलिस को घर भेजने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि उनके पति बुखार से पीड़ित हैं। 14 साल का लड़का भी पॉजिटिव है। अंत में उन्हें “कारण बताओ” पत्र दिया गया। उन्होंने बीएमओएच से मुलाकात की और पूरी कहानी बताई। बीएमओ द्वारा समर्थन करना तो दूर कथित तौर पर उनका मजाक उड़ाया गया। जब वह वीडियो के पास गईं, तो वह उससे कुछ भी सुनना चाहते थे। अंत में, वह ड्यूटी करने के लिए बाध्य हुईं।


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