अगरबत्ती और मसाले, पापड़ जैसे घरेलू उद्योग को पुनः प्रारंभ करने की अनुमति मिले, पान की फसल के अन्य प्रदेशों में विक्रय के बारे में नीति बनाई जाए-गोविन्द मालू

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देवदूत दुबे

खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू नें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान को पत्र लिखकर माँग की है कि ” लॉक डाउन में  ग्रीन और ऑरेंज झोन में कुछ रियायतें दी हैं, वह स्वागत योग्य है।  अब कुछ, अगरबत्ती, मसाले, पापड़, बड़ी जैसे कुटीर उद्योग जो घर में ही निर्माण होते हैं, उन्हें भी निर्माण और विक्रय की शारिरिक दूरी का पालन करवाते हुए प्रारंभ करने की छूट देने के बारे में सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए, ताकि छोटे कारोबारियों को आर्थिक राहत भी हो, तथा ऐसे समय श्रम का सार्थक उपयोग और मूल्य भी मिले।

आपने कहा कि मध्यप्रदेश के पान की माँग अन्य प्रदेशों और पड़ौसी देशों तक में होती है।पान की खेती प्रदेश के 22 जिलों में होती है। पान की फसल शीघ्र नष्ट होने वाली फसलों में है।लॉक डाउन के दौरान इस गर्मी के मौसम में पान की खेती करने वाले किसानों का भारी नुकसान हुआ है।अब चूँकि यह खेतों से सीधे अन्य प्रदेशों में भेजा जा सकता है, तो इस बारे में भी योजना बनाकर निर्णय लिया जाना चाहिए।मालू ने “पान खेती और विपणन से जुड़ा यह मुद्दा कृषि मंत्री श्री कमल पटेल के भी संज्ञान में भी लाया है।


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