कमलनाथ ने विडियो कान्फ्रेंस के जरिये किसानो की कर्ज माफ़ी की मांग की

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देवदत्त दूबे

भोपाल, 03 मई 2020। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विश्व प्रेस स्वतंत्र दिवस के अवसर पर एक वीडियो कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पत्रकारों से अपेक्षा की कि मध्य प्रदेश के पत्रकार अपनी स्वतंत्रता और निडरता को बरकरार रखेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह सच है कि विगत डेढ़ वर्ष में मैं आपको अधिक समय नहीं दे पाया क्योंकि मैं मध्य प्रदेश की प्रोफाइल, उसका चेहरा बदलना चाहता था। मैं चाहता था कि मध्य प्रदेश हाॅर्टिकल्चर की राजधानी बने।मैं जिन गौशालाओं को बना रहा था वे अत्याधुनिक बनें, जो बन गईं हैं उन्हें आप जाकर देख भी सकते हैं। मेट्रो का कार्य तेजी से हो जो लगभग 10 साल से चींटी की चाल से रेंग रहा था। मैंने कोशिश की कि मध्यप्रदेश में माफिया राज खत्म हो और हमारे बच्चे के भोजन में मिलावट का जहर ना हो इसलिए हमने शुद्ध के लिए युद्ध चलाया। हमने कोशिश की कि टेलीविजन की जगह मध्यप्रदेश में एक विजन की सरकार हो। उन्होंने पत्रकारों से माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में मैं आपसे समय निकालकर मिलते रहने की कोशिश करूंगा और इस गलती को सुधारने की कोशिश में कर रहा हूं।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जो काम किए हैं वह जमीन पर हैं उन्हें आप आरटीआई लगाकर कभी भी जानकारी ले सकते हैं। हमारी सरकार ने कागजी घोषणा नहीं कीं। हमने किसान का कर्जा माफ किया तो किया वह कागजों पर नहीं जमीन पर है। पहले चक्र में हमने 20 लाख 20 हजार किसानों का कर्जा माफ किया। दूसरे चक्र में हमारे सामने समस्या थी। कई किसानों के चार चार खाते थे कई किसानों के आधार कार्ड से मिलान नहीं हो रहे थे कई किसान इनकम टैक्स देते हैं उन सबको हमारी योजना के तहत छांटना था, क्योंकि वह पात्र नहीं थे। इसलिए हमें दूसरे चक्र में समय लगा लेकिन हमने दूसरे चक्र में 6 लाख किसानों का कर्जा माफ किया परफाॅर्मिंग असेट्स का और चालू खाते का। तीसरे चक्र में हमने तय किया था कि वित्तीय वर्ष बदल जाए इसलिए 1 जून से हमने बचे हुए किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। आज यह जिम्मेदारी शिवराज सरकार की है कि वह किसानों के इस कर्ज को माफ करें या साफ-साफ कहें कि वह माफ नहीं करेगी, जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिल चुके हैं उनके खाते से जो पैसे उपार्जन के भुगतान से निकाले जा रहे हैं वह किसानों को वापस किए जाने चाहिए । 

श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था चैपट हो चुकी है। जो मजदूर आज प्रदेश में लौट रहा है आप उन मजदूरों के चेहरे देखिए 17 साल 18 साल 20 साल के नौजवान हजारों किलोमीटर पैदल चल कर आ रहे हैं, 15 साल तक क्या नहीं सोचा गया कि यह छोटे-छोटे बच्चे प्रदेश के बाहर जाने के लिए क्यों मजबूर हो रहे हैं? क्यों इन हाथों को मध्यप्रदेश काम नहीं दे पाया। मैं जब तक रहा मैं हमेशा रोजगार के सृजन की बात करता था मैं हमेशा कोशिश करता था कि हमारा युवा जो जितना पढ़ा लिखा हो उसको योग्यता अनुसार मध्यप्रदेश में काम मिले क्या आज सरकार इस बात की चर्चा कर रही है।जब कमलनाथ जी से यह पूछा गया कि आपकी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए क्या किया तो उन्होंने कहा कि मुंह चलाने की राजनीति का समय अब चला गया है घोषणा करने वाले यह तो बताएं कि घोषणाओं की डिलीवरी क्या है? जिन बच्चों को प्रदेश में लाया गया है उनसे किराया वसूला जा रहा है, लेकिन घोषणा तो हुई थी कि मुफ्त लाया जाएगा यह सब बातें देखने की हैं। हमारी सरकार ने 28 जनवरी को पहली पहली बार कोरोना से संबंधित जानकारियां जिला कलेक्टर को दीं, 31 जनवरी को जब दुनिया में कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित किया गया। हमारी सरकार काम में जुट गई। हमने 3 फरवरी को बैठक की 6 फरवरी को बैठक की 13 फरवरी को बैठक की और हमने फैसले किए, 104 सेवा शुरू की, माल स्कूल काॅलेजों को बंद किया। विदेशी लोगों के आने पर जांच करने और 14 दिन क्वेरेनटीन करने का प्रावधान किया। मैं आपको बताना चाहूंगा कि 12 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को विश्व महामारी घोषित किया, 13 मार्च को मैंने स्वयं बैठक ली और जो फैसले किए वह आप स्वयं देख सकते हैं। उन्होंने कहा स्वास्थ्य मंत्री तो 9 मार्च से गायब था, कोविड छोड़कर वो बैंगलुरु में सौदेबाजी की राजनीति कर रहे थे।हमने तो जब सरकार संभाली आपको याद होगा खुद भाजपा के वित्त मंत्री कहते थे कि हमने तिजोरी खाली छोड़ी है ये करेंगे क्या? इस खाली तिजोरी को हमने भरा और लोगों को डिलीवर करने की कोशिश की। जो किया वह जमीन पर दिख रहा है उन्होंने कहा कि हमने किसानों को 1 अप्रैल से 160 रू. बोनस देने का फैसला किया था शिवराज सरकार को उसका आदर करना चाहिए और किसानों को बोनस दिया जाना चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में कमलनाथ ने बताया कि शिवराज सरकार ने बीमा खाते पर जो पैसा जमा किया है वह 2017-18 वित्त वर्ष का था जिसे यह खुद भुगतान करके नहीं गए थे ।वह तो इनकी जिम्मेदारी थी। यह सारी जानकारियां आप पत्रकार गण हैं वित्त विभाग में आरटीआई लगाकर मंगा सकते हैं आपको पता लग जाएगा कौन सच बोल रहा है कौन झूठ बोल रहा है  कमलनाथ ने कहा कि हमने 17 प्रतिषत डीए  कर्मचारियों को दिया था उसका हाल इस सरकार ने क्या किया है? रोक दिया है।श्री कमलनाथ जी से जब यह पूछा गया कि जो विधायक छोड़कर गये वे नाराज थे उनके काम नहीं होते थे तो उन्होंने कहा मेरे पास एक-एक विधायक का हिसाब है कितने काम हुये कितने उन्होने पत्र लिखे। वे झूठ बोल रहे हैं जो विधायक प्रलोभन में गया है वह यह तो कहेगा नहीं कि प्रलोभन से गया है, इसलिये ऐसी बात कर रहे है। श्री कमलनाथ ने आत्मविश्वास से कहा कि हमारी सरकार लौट रही है चुनाव तो होने दीजिये। उन्होंने कहा कि मुझसे जजमेंट में गलती हुई जो भरोसा मुझे था वही भरोसा दिग्विजय सिंह को भी था। उन्होंने कहा हम अच्छे दोस्त थे, हैं और आगे रहेंगे। भाजपा के दुष्प्रचार का हमारी एकता पर कोई असर नहीं है।कमलनाथ ने दुख व्यक्त किया कि खबरें छप रहीं हैं कि राशन की दुकानें बंद हैं मगर शराब की दुकानें खुल रहीं हैं। ये प्राथमिकता है।


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