भविष्य में आने वाले योजनाए की जानकारी

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डॉक्टर अजय ओझा ।

केंद्र का एक और राहत पैकेज: कोरोना प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की गारंटीड स्कीम, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि भी बढ़ी ।

नई दिल्ली, 28 जून। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड से प्रभावित अर्थव्यवस्था को तेजी लाने के लिए कई आर्थिक घोषणाएं की हैं। इसमें कुछ नई योजनाएं शामिल हैं। वहीं कुछ पुरानी योजनाओं का विस्तार किया गया है। नए आर्थिक पैकेज में कोविड से प्रभावित सेक्टर्स के लिए नई घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री ने कुल 6,28,993 करोड़ रुपए के आर्थिक राहत की घोषणा की है। आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कौन-कौन सी घोषणाएं की हैं…

1- इकोनॉमिक रिलीफ : कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए। अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95% सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगा। अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगा।

2- ECLGS : ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण। सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।
अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा।

3- क्रेडिट गारंटी स्कीम: छोटे कारोबारी-इंडिविजुअल, NBFC, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस पर बैंक के MCLR पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी। इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के बॉरोअर इसके लिए योग्य होंगे। इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा।
करीब 7500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। 31 मार्च 2022 तक इसका लाभ मिलेगा।

4- 11 रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड/ ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को वित्तीय मदद: कोविड से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को वित्तीय मदद दी जाएगी। इसमें लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। इस लोन को 100% गारंटी दी जाएगी। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा।

5- पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी किए जाएंगे: यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा। विदेशी टूरिस्ट्स को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। 2019 में करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे।

6- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार: यह योजना पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च की गई थी। अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के PF का भुगतान करती है। सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% PF का भुगतान करती है।

7- कृषि से संबंधी सब्सिडी : किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपए की सब्सिडी DAP पर दी गई है। 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी NPK पर दी गई है।
रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है।
अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं।

8- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना : कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए पिछले 26 मार्च 2020 को इस स्कीम की घोषणा की गई थी। शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था। बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था। 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया। इस स्कीम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कृषि से संबंधी सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं।

वित्त मंत्री की अन्य घोषणाएं

23220 करोड़ रुपए पब्लिक हेल्थ के लिए

यह पैसा बच्चों से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। इस पैसे से ICU बेड, वेंटिलेटर बेड, एंबुलेंस जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। केंद्रीय, जिला और सब-जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। टेस्टिंग कैपेसिटी, सप्रोर्टिव डायग्नोस्टिक और टेलीकंसलटेशन जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 31 मार्च 2022 तक यह पैसा खर्च किया जा सकेगा। इस स्कीम में पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

कुपोषण- किसानों की आय

कुपोषण से मुक्ति और किसानों की आय बढ़ाने के उपाय जारी हैं। इसके लिए खास गुणों और पोषक तत्वों वाली खेती की नस्लें तैयार की जा रही हैं। ICAR ने बायो फोर्टिफाइड फसलों की नस्लें तैयार की हैं।
अलग-अलग तरह से अनाज की 21 वैराइटी उपलब्ध की जाएंगी।

नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग कॉरपोरेशन

नॉर्थ ईस्ट के किसानों की मदद के लिए 1982 में इस संगठन का गठन किया गया था। 75 किसान संगठन इस संगठन से जुड़े हैं। यह संगठन किसानों को बिचौलियों-आढ़तियों के मुकाबले 10-15% ज्यादा कीमत उपलब्ध कराते हैं। इस संगठन के रिवाइवल के लिए 77.45 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा।

निर्यात को बढ़ावा

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 88 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट इंश्योरेंस कवर। यह सेवा एक्सपोर्ट गारंटी कॉरपोरेशन की ओर से दी जाती है। देश के करीब 30% निर्यातकों को इसका लाभ मिलता है।

डिजिटल इंडिया

भारतनेट ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 19041 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस स्कीम का लक्ष्य देश के सभी गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है। 31 मई 2021 तक 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में से 1,56,223 गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच गया है। 61,109 करोड़ रुपए में से अब तक 42,068 करोड़ रुपए की घोषणा 2017 में की गई थी।

बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए PLI स्कीम।

इस स्कीम में 6 से 4% तक का इंसेंटिव दिया जाता है।इस स्कीम के लिए 1 अगस्त 2020 से आवेदन मांगे जा रहे हैं। यह स्कीम पांच साल के लिए लागू होती है। अब इस स्कीम में लाभ की सीमा 1 साल बढ़ाकर 2025-26 की गई है। अब सरकार ने इस स्कीम में पांच साल की अवधि चुनने की छूट दी है।

बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए

इस पैसे से बिजली वितरण करने वाली कंपनियों, बिजली वितरण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा। स्कीम के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर LT ओवरहेड लाइन लगाई जाएगी।

IPDS, DDUGJY और सौभाग्य स्कीम का विलय किया जा रहा है।
इस स्कीम में केंद्र की भागीदारी 97,631 करोड़ रुपए होगी। शेष राशि राज्यों की ओर से खर्च की जाएगी। राज्यों को पहले ही बिजली वितरण के लिए लोन लेने की सुविधा दी है।

PPP प्रोजेक्ट्स एंड असेट मॉनेटाइजेशन

PPP प्रोजेक्टस और असेट मॉनेटाइजेशन के लिए नई पॉलिसी लाई जाएगी।
इससे PPP प्रोजेक्ट्स की क्लियरेंस में तेजी आएगी।
InVIT जैसे तरीकों से असेट्स मॉनेटाइजेशन में तेजी लाई जाएगी।
मौजूदा प्रक्रिया काफी लंबी है और इसके लिए कई स्तर पर मंजूरी लेनी होती है।


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