न्यूज़ उन्नाव:सोमवार से शुरू हुआ सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

अभियान के पहले दिन क्षय रोग के 25 संभावित रोगी पाए गए
घर-घर खोजे जा रहे टीबी मरीज
जनपद में पाँच मार्च तक चलेगा अभियान।


राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत सोमवार से सक्रिय क्षय रोगी खोज(एसीएफ) अभियान शुरू हुआ जो पाँच मार्च तक चलेगा।यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. मनीष मिश्रा ने दी।उन्होंने बताया कि अभियान के पहले दिन सोमवार को मदरसों और कारागार में क्षय रोग के लक्षण वाले 567 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें क्षय रोग के 25 संभावित रोगी पाए गए हैं जिनका बलगम जांच के लिए भेज दिया गया है।उन्होंने बताया कि अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है।पहला चरण 20 से 23 फरवरी तक चलेगा जिसमें टीम अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, नवोदय विद्यालय, मदरसा एवं कारागृह में भ्रमण कर संभावित क्षय रोगियों का सैम्पल लेगी।24 फरवरी से पाँच मार्च तक एनटीईपी के कर्मचारी सहित आशा कार्यकर्ता और एएनएम ग्रामीण एवं शहरी मलिन बस्तियों एवं उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के घर-घर जाकर क्षय रोगियों को खोजेगी।
लक्षण मिलने पर सर्वे टीम उसी समय संभावित मरीज के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी क्षय रोग की पुष्टि होने पर शीघ्र ही इलाज शुरू हो जाएगा।
इस अभियान के तहत जिले की कुल आबादी के सापेक्ष 20 फीसद आबादी में क्षय रोग के लक्षणों की जांच की जाएगी।जनपद की लगभग 37.18 लाख आबादी के सापेक्ष 20 फीसद यानि लगभग 8.37 लाख आबादी को आच्छादित किए जाने का लक्ष्य है।इस अभियान के लिए 350 टीम गठित की गयी हैं।हर टीम में तीन सदस्य शामिल होंगे। इस तरह 1050 स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं 70 सुपरवाइजर अभियान में प्रतिभाग करेंगे जिनकी निगरानी उनके क्षेत्र के मेडिकल आफिसर टी बी सेन्टर (एमओटीसी)करेंगे।
जनपद में 18 टीबी यूनिट, 28 डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी), दो सीबीनॉट एवं 5 ट्रूनॉट मशीन हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने अपील की कि जब स्वास्थ्य कार्यकर्ता जांच के लिए घर पर आयें तो उनका सहयोग जरूर करें।
एसीएफ के नोडल अधिकारी डॉ मनीष मिश्रा ने बताया कि सब्जी एवं फल मंडी, ईंट भट्ठे, स्टोन क्रशर, लेबर मार्केट, साप्ताहिक बाजारों में भी यह अभियान चलाया जाएगा।इस अभियान में जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक श्री बृज नन्दन मिश्र निजी अस्पताल संबंधी काम देखेंगे।
डॉ. मनीष मिश्रा ने कहा कि टीबी के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है।यदि किसी को दो हफ्ते से ज्यादा खाँसी आए, शाम के समय बुखार आए,सीने में दर्द हो, थकान आए, बलगम में खून आये, रात में पसीना आता हो या लगातार वजन घट रहा हो तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं।स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।इसके अलावा यह जानना जरूरी है कि केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है।इसके अलावा नाखून एवं बालों को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है।


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