बच्चों के प्रति लगाव के कारण ही नेहरू जी चाचा कहलाते थे : आलोक दुबे

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डॉ अजय ओझा।

पंडित नेहरू को बच्चों से था खास लगाव : विजेता वर्मा।

पासवा ने पूरे झारखंड में मनाया बाल दिवस।

रांची, 14 नवंबर । झारखण्ड प्रदेश प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा की ओर से पूरे प्रदेश में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की जयन्ती के अवसर पर बाल महोत्सव का आयोजन कर बच्चों को प्रोत्साहित किया गया।

पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं वरीष्ठ पासवा सहयोगी एवं सामाजिक नेत्री श्रीमती विजेता वर्मा आज कई कार्यक्रमों में शामिल होकर पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि दी एवं बच्चों के लिए आयोजित खेल कूद ,डांस,नृत्य एवं निबंध प्रतियोगिता में भाग लेकर बच्चों को प्रोत्साहित किया एवं विजेताओं को पुरस्कृत किया।

होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल मान्डर एवं डीएवी विवेकानंद पब्लिक स्कूल बेड़ों में आयोजित बाल दिवस कार्यक्रम में प्रदेश पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं सामाजिक नेत्री विजेता वर्मा एवं मेंहुल दूबे शामिल हुए एवं पंडित नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं स्कूल में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत किया एवं हजारों बच्चों को स्वादिष्ट भोजन भी कराया।

पासवा के पदाधिकारी सह होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर आलोक बिपीन टोप्पो एवं डीएवी विवेकानंद स्कूल बेड़ों के डायरेक्टर कैलाश कुमार महतो के सौजन्य से बाल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बाल दिवस के मौके पर बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बच्चों के प्रति उनके लगाव को लेकर ही उन्हें चाचा नेहरू के नाम से संबोधित किया गया, वह हमेशा कहा करते थे बच्चे कल का भारत बनाएंगे जिस तरह से हम उन्हें बनाएंगे वह देश के भविष्य को निर्धारित करेगा।

नाकामयाबी तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं। पासवा अध्यक्ष ने कहा बच्चे राष्ट्र की संपत्ति होते हैं, बच्चे हमारे भविष्य हैं और कल के उम्मीद भी। हमेशा नई पीढ़ी अपनी पुरानी पीढ़ियों से बुद्धिमान एवं प्रतिभावान होते हैं, जरुरत है उन्हें निखारने की। पंडित नेहरू अपने आप में एक शिल्पकार व संस्थान थे, बच्चों के प्रति उनकी सोच का ही परिणाम था कि देश में स्कूल, कॉलेज, इंजीनियरिंग संस्थान, मैनेजमेंट व रिसर्च संस्थान, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का जाल बिछाया गया ताकि दुनिया के सामने भारत बराबरी के साथ खड़ा हो सके।

आलोक दूबे ने कहा कि यह देश पंडित नेहरू के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा।

सामाजिक नेत्री विजेता वर्मा ने कहा पंडित नेहरू को बच्चों से खास लगाव था, नेहरु प्रतिदिन बच्चों से एक गुलाब अपने पॉकेट में डालकर घर से निकलते था। उन्होंने बच्चों से कहा आप भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं उनके पद चिन्हों पर चलकर।देश के प्रथम प्रधानमंत्री, आधुनिक भारत के शिल्पकार, संस्थाओं और संस्थानों को बनाने वाले लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी, कमाल की दूरदर्शिता,दुनिया में भारत को पहचान दिलाने वाले जवाहर का यह देश हमेशा ऋणी रहेगा।


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