नेशनल लोक अदालत 13 अगस्त को, हेल्प डेस्क का किया गठन

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दिनेश शर्मा “अधिकारी”।

नई दिल्ली । रायपुर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पूरे देश के साथ रायपुर और गरियाबंद जिला के अलावा देवभोग, तिल्दा और राजिम तहसील में सिविल एवं राजस्व न्यायालय में एक साथ नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 अगस्त को किया जाएगा। नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। जिला रायपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृहद पैमाने पर नेशनल लोक अदालत की तैयारियों की जा रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा लोक अदालत की तैयारियों का सूक्ष्मता के साथ जायजा लिया जा रहा है। उनके द्वारा नियमित रूप से न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, राजस्व अधिकारीगण, बीमा कंपनियों, विद्युत एवं दूरसंचार के प्राधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही है। विशेष रूप से जिला न्यायाधीश द्वारा लोक अदालत की नोटिस की तामीली पुलिस अधीक्षक के माध्यम से कराने एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिससे कि लोक अदालत की नोटिसों की तामील सुनिश्चित हो सके. इसके अतिरिक्त नगर निगम के जलकर एवं नगर निगम के मामलों हेतु नगर निगम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के माध्यम से पक्षकारों की सहायता हेतु हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। जिला न्यायाधीश द्वारा न्यायालय स्तर पर भी पक्षकारों के सहयोग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर में हेल्प डेस्क का गठन किया गया है, जिससे हर पक्षकार को लोक अदालत का लाभ प्राप्त होने के साथ साथ उनको सहयोग भी किया जा सके। जिला न्यायाधीश द्वारा दिव्यांग या असहाय व्यक्तियों के लिए लोक अदालत हेतु व्हील चेयर तथा मोबाईन वैन की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे शारीरिक अक्षमता के कारण कोई भी पक्षकार न्याय से वंचित न हो। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना प्रकरण, भाड़ा नियंत्रण, चेक बाउन्स, आबकारी विधि, सिविल विधि, यातायात संबंधी परिवार न्यायालय, विद्युत, दूरसंचार नगर निगम, जलकर, भूमिकर, श्रम विधि, आपराधिक विधि के राजीनामा योग्य मामले एवं इसके अतिरिक्त अन्य मामला भी प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निराकृत करने हेतु लिया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत हेतु सिविल तथा राजस्व मामलों को मिलाकर लगभग 40 हजार से उपर प्रकरण को आज दिनांक तक निराकरण हेतु चिन्हांकित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त जो भी पक्षकार है, यदि उसे लोक अदालत हेतु नोटिस मिला है, तो वे सीधे न्यायालय पहुंचकर अपने प्रकरण का राजीनामा के माध्यम से निराकरण करवा सकते हैं।


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