अग्निपथ योजना’ मामले में सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित करे: सुप्रीम कोर्ट
दिनेश शर्मा “अधिकारी”।
नई दिल्ली । सेना में भर्ती के लिए लाई गई ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार के वकील ने अपना पक्ष रखा तो वहीं याचिका पक्ष से अपनी दलील रखी गई| जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय लेते हुए ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया| सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को अग्निपथ योजना’ मामले में दाखिल सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है| अब सभी याचिकाओं पर सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में होगी।
अग्निपथ योजना का हुआ था विरोध…
आपको बतादें कि, सेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ केंद्र सरकार द्वारा जून महीने में लांच की गई थी| योजना के लांच होते ही पूरे देश के युवाओं में विरोध की लहर इसकदर दौड़ी गई कि वह सड़क पर उतरकर आगजनी-तोड़फोड़ और पत्थरबाजी करने लगे| युवाओं का कहना था कि सरकार ‘अग्निपथ योजना’ को वापिस ले| इसके तहत सेना में मिलने वाली 4 साल की नौकरी उन्हें नहीं चाहिए|
चार साल की नौकरी के बाद 25% को रेगुलर नौकरी…
यह बात ठीक है कि इस योजना के तहत चार साल की नौकरी का प्रावधान है| लेकिन चार साल की नौकरी के बाद सेनाओं में जरुरत के अनुसार 25% प्रतिभाशाली जवानों को रेगुलर भर्ती कर लिया जाएगा| बाकि जो 75% रिटायर होंगे उनके लिए अन्य सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने और छूट संबंधी फैसले लिए जा रहे हैं| इसके अलावा कई प्राइवेट सेक्टर भी अपने यहाँ ‘अग्निपथ योजना’ से रिटायर जवानों को नौकरी में प्राथमिकता देंगे|