उज्जैन थाना अधिकारी की लापरवाही पर भरतपुर एसपी 8 अगस्त को जवाब पेश करे: हाईकोर्ट

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दिनेश शर्मा “अधिकारी”।
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर खंड पीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव एसपी भरतपुर और एसएचओ उच्चेन को 8 अगस्त को केस डायरी सहित उपस्थित होने के नोटिस जारी किए।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमा शंकर पांडे ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में बताया की 4 दिसम्बर 2020 को में एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपहरण करने के दर्ज एक मामले में उच्चेन एसएचओ द्वारा मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच में 25 जुलाई 22 को व्यक्तिश: उपस्थिति मे बताया कि 1 सप्ताह में लड़की बरामद कर न्यायालय में पेश कर दी जाएगी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को 1 अगस्त को उज्जैन थाना अधिकारी द्वारा लड़की को बालिग बताते हुए अपहरणकर्ता से शादी होना बता कर बालिका के परिजनों को गत 2 वर्ष से गुमराह किया जा रहा था और संकेत यादव नाम के व्यक्ति के साथ बदायूं के अलापुर थाना क्षेत्र में शादीशुदा बताया गया है , याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि जिस वक्त पुष्कर फुसलाकर भगा कर अपहरण किया गया था उस वक्त नाबालिग थी। जिसे उज्जैन थाना अधिकारी ने व्यस्क बताते हुए 2 साल तक मुकदमा लंबित रखा। इस पर न्यायालय ने बालिका को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन 1 अगस्त को डबल बेंच में उच्चेन थानाधिकारी ने न्यायालय के आदेश की पालना नहीं करने करना और लापरवाह पूर्वक पूर्ण जवाब देना की “ न्यायालय के आदेश की पालना नहीं हो पाई है “ 25 जुलाई को थाना अधिकारी ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित होकर एक सप्ताह में लड़की को बरामद करने का समय मांगा था साथ ही बिना केस डायरी के न्यायालय में उपस्थित होने को गंभीरता से लेते हुए एसपी भरतपुर को उच्चेन थाना अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट 8 अगस्त को न्यायालय में उपस्थित होकर पेश करने के आदेश दिए। न्यायालय के न्यायधीश पंकज भंडारी और समीर जैन ने ये आदेश जारी किए।


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