मुंबई में फिक्की के फ्रेम्स 2022 में शामिल हुए सांसद संजय सेठ

Share:

डॉ अजय ओझा।

राष्ट्र निर्माण में मीडिया एंटरटेनमेंट की भूमिका पर रखे अपने विचार।

भारतीय संस्कृति और परिवार को लेकर सकारात्मक चीजों की जरूरत।

मनोरंजन के नाम पर कुछ भी दिखाना न्यायोचित नहीं ।

फिल्म अभिनेता रणबीर सिंह सहित कई बड़ी हस्तियां हुई शामिल।

रांची, 27 सितंबर । फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वाधान में मुंबई में आयोजित फ्रेम्स 2022 में रांची के लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय सेठ बतौर उद्घाटनकर्ता व वक्ता शामिल हुए। राष्ट्र निर्माण में मीडिया और इंटरटेनमेंट क्षेत्र की भूमिका पर उन्होंने अपना विचार रखा। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में भारत के जाने-माने अभिनेता रणवीर सिंह व फिल्म प्रोड्यूसर रमेश सिप्पी भी शामिल हुए। भारत सरकार के आईटी सचिव अपूर्व चंद्रा, अरुण चावला व अन्य अतिथियों के साथ सांसद ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस सत्र की अध्यक्षता व्हाट्सएप इंडिया के प्रमुख शिवनाथ ने की। वहीं इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महाराष्ट्र से राज्यसभा की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कर्नाटक से सांसद सुमन लता मौजूद रहे।

सांसद संजय सेठ ने इस अवसर पर मीडिया और इंटरटेनमेंट के क्षेत्र में आई विसंगतियों की तरफ भी ध्यान आकृष्ट कराया। भारत सरकार के द्वारा कई यूट्यूब चैनल पर बैन लगाने के कदम का स्वागत किया। सांसद ने कहा कि हर उस चीज पर रोक लगनी चाहिए, जो समाज और राष्ट्र के पक्ष में नहीं हो। जिससे समाज और राष्ट्र पर नकारात्मक असर नहीं पड़े। ऐसी चीजों को रोकने का काम समाज को करना चाहिए।

सांसद ने कहा कि इस देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर, फिल्म जगत के क्षेत्र में ऐसी चीजें बननी चाहिए, जिससे भारतीय संस्कृति का संवर्धन हो। परिवारों का जुड़ाव हो। गुल्लक और पंचायत जैसे वेब सीरीज ने हमारी संस्कृति को समझने का बेहतर अवसर दिया है। इस क्षेत्र से जुड़े निर्माताओं को ऐसी चीजें बनानी चाहिए, जिसमें लोग परिवार के महत्व को समझ सके। ऐसी चीजें हर प्लेटफार्म पर आनी चाहिए और उनका स्वागत किया जाना चाहिए। किसी भी कीमत पर मनोरंजन के नाम पर भारतीय संस्कृति पर हमला और खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद ने स्पष्ट कहा की अभिव्यक्ति की आजादी और मनोरंजन के नाम पर भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों का अपमान, हिंदू देवी देवताओं का अपमान, भारतीय परिवार को खंडित करके दिखाना, यह सारी चीजें समाज में बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हो सकती है। यहां आए सभी मीडिया एंटरटेनमेंट क्षेत्र के लोगों से सांसद ने यह आग्रह किया कि आप सब ऐसी चीजें बनाएं, जो समाज सकारात्मक रूप से ग्रहण करें। हम 1960, 62, 70 के दशक की फिल्मों के गीत याद रखते हैं। आज की किसी फिल्मों का गीत किसी को याद नहीं रहता। इस पर भी बात होनी चाहिए, इस पर भी अनुसंधान होना चाहिए। आखिर क्यों ऐसी परिस्थितियां आई है।

श्री सेठ ने कहा कि समाज और राष्ट्र का महत्वपूर्ण अंग में इंडिया और इंटरटेनमेंट का क्षेत्र है इसलिए हम सब को उसी दिशा में काम करना चाहिए ताकि राष्ट्र की एकता और समाज का सद्भाव दोनों ही बना रहे।


Share: