पशु पालकों के सामने टूट पड़ा है मुसीबतों का पहाड़

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40 रुपये से 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध का भाव बना 25 रुपया लीटर

कौशाम्बी: लॉक डाउन के चलते पूरे जिले के साथ साथ मंझनपुर क्षेत्र में दिनों दिन दूध की कीमत में गिरावट हो रही है। जिससे पशुपालको को भारी नुकसान हो रहा है 40 रुपये से 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध इन दिनों महज 20 से 25 रुपये लीटर पर डेयरी संचालक खरीद रहे है जिससे पशु पालकों के सामने मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है।

इसके विपरीत पशु आहार प्रति बोरी 50 रुपये महंगा हो गया है चूनी चोकर भी महंगा हो गया है भूसा की कीमत भी मंहगाई को छू रही है जबकि दूध की कीमत सस्ती हो रही है इस स्थिति में पशु पालकों के सामने दूध की लागत निकालना मुश्किल हो गया है पशु पालकों को दूध के ब्यवसाय से मुनाफा निकालना तो दूर की बात हो गयी है।

कर्ज लेकर डेयरी फार्म चलाने वालों के सामने भीषण संकट है वह कैसे भरेंगे बैंको से लिये लोन का पैसा।दूध आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल है। इसका उपयोग मासूम से लेकर बड़े बुजुर्ग करते हैं। दूध से मावा, पनीर, दही व मिठाई बनाई जाती है। लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद है, जिसके कारण इनकी खपत खत्म सी हो गई है। जिले के डेयरी संचालकों के मुताबकि बहुत से लोग सुबह व शाम दूध लेने डेयरी पर आ जाते थे।
लेकिन लोग अब कोरोना वायरस की महामारी के डर से बाजार नहीं आ रहे हैं। डेयरी संचालकों का कहना है कि इस स्थिति से रोजाना हजारों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है ओसा गांव निवासी गुड्डू पाल ने बताया कि लॉकडाउन से पहले दूध की कीमत 40 से 50 रूपये  प्रति लीटर फैट के हिसाब से थी। अब 20 से 25 रुपये लीटर कोई लेने को तैयार नहीं हो रहा है।

जबसे लॉकडाउन हुआ है पुराना बकाए का  पूरा भुगतान भी नहीं किया है। 
इटैला के रमेश ने बताया कि प्रतिदिन चार मिठाई की दुकानों पर 200 लीटर दूध बेचते थे, अब बमुश्किल 20 लीटर दूध बिक पा रहा है वह भी पहले से 40 फीसद कम कीमत पर बिक रहा है जिससे लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। डेयरी संचालक प्रमोद कुमार ने बताया कि होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्टल सब बंद है इसलिए मोहल्लों में घूम-घूमकर खुद औने-पौने दाम पर दूध बेच रहे हैं।  किराना दुकानदार शैलेश कुमार के मुताबिक आम दिनों में दिन भर में 2.5 क्विंटल पैक दूध बिक जाता था, अब आधा क्विंटल भी दूध नहीं बिक पाता है सुबह नौ बजे के बाद दुकान में तो ग्राहक आते ही नहीं हैं दूध की बिक्री न होने से डेयरी फार्म व पशु पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मनोज करवरिया मो ० 6387244837


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