आपस में बैर न रखकर , क्यों न हराया जाये कोरोना को साथ होकर!

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अरविंद कुमार

कोरोना वायरस एक जानवेला वायरस हैं जिसका किसी धर्म , समुदाय या व्यक्ति विशेष आदि से स्नेह नहीं है, कोरोना ने हर धर्म समुदाय के लोगों को अपना शिकार बनाया है और बना रहा है, फिर भी न जानें क्यो तबलीगी जमात के लोगों ने कोरोना का बीज दिल्ली की मकरज, इमारत से लेकर भारत के हर राज्य में बिखेर दिया हैं ? चूँकि तबलीगी जमात मुस्लिम धर्म समुदाय से जुड़ी एक संस्था है इसलिए इससे जुड़े कुछ लोगों ने पूर्ण मुस्लिम धर्म समुदाय को आज सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है, न जाने क्यों तबलीगी जमात के कुछ लोग मुस्लिम धर्म पर इतने सवाल खड़े करा रहे हैं ? जबकि मुस्लिम तो बुरा नहीं होता। आजादी से पहले मुस्लिम समुदाय ने हिदुओ के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर अंग्रेजो से स्वतंत्र भारत के लिए हर संभव संघर्ष किया था। इसका जीता जगता उद्धरण हमारा प्रयागराज ही है। आज देश के कई भाग से यह खबर आ रहा है की हर मुसलमान को दूसरे समुदाय के कई लोगो ने कोरोना वायरस फैलाने का दोषी मान लिया है और वे जहां पर भी मुसलमान देख रहे है, उन लोगो को उस जगह से चले जाने बोल रहे है।दूसरे समुदाय के लोगो को मुसलमानो को दोष न देते हुए धीरज रखना होगा।

अगर मुस्लिम बुरा होता तो भारतीय सेना के साथ वीर अब्दुल हमीद से कोहिनूर का नाम नहीं जुड़ा होता और नाहि भरत के प्रथम नागरिक का सम्मान और पद हमारे हरदिल अजीज पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिला होता, लेकिन पता नहीं क्यो चंद तबलीगी लोगों ने पूर्ण मुस्लिम समुदाय को विश्व स्तर पर रुसवा करने की ठान ली हैं ? आखिर क्यो ऐसे चंद तबलीगी जमाती लोग कोरोना को धर्म विशेष का चोला पहना कर इस्लाम धर्म की उन पाक मस्जिदों में छिपा कर बैठें हैं जहाँ सिर्फ और सिर्फ पाँच वक्त खुदा की इबाददत होती हैं ? क्यो ये तबलीगी जमाती इन मस्जिदों से अब कोरोना की हिमायत चाहते हैं ? आखिर चंद लोगों ऐसा क्यो चाहते हैं कि वह एक धर्म ,समुदाय विशेष की आड़ लेकर सिर्फ उस धर्म , समुदाय की ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत वर्ष की भवनाओ से खेले और आखिर कब तक ? साथ ही मुस्लिम समुदाय के उन लोगों को इन तबलीगी जमातियो के विरुद्ध मोर्चा लेना होगा जो इंसानियत के इन दुश्मनो के समर्थक कतई नहीं हैं , हम सभी के लिए राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए अगर राष्ट्र ही नहीं होगा तो धर्म विशेष की क्या बिसात की वह अपना अस्तित्व बचा पाए ।


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