कई देशो में लोखड़ौन अभी भी जारी , सावधान रहे बढते वायरस संक्रमण के बीच, फलताफूलता सलाहकारों का मकड़जाल

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डॉ भुवनेश्वर गर्ग ।

सारी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से 35,702,309 लोग संक्रमित हो गए हैं और 1,045,955 लोगों की मौत हो गई है।
अच्छी बात यह है कि अगर कोरोना वायरस के कुल मामलों की बात की जाए तो जैसा हम शुरू से ही लिखते आ रहे है कि इस बीमारी में ठीक होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होगी और बाक़ी गम्भीर बीमारियों के मुक़ाबले इस संक्रमण में मौतों की संख्या बेहद कम रहेगी और हो भी यही रहा है कि इस बीमारी के अधिकतर मरीज अपने आप ठीक हो रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ठीक तो हो रहे हैं लेकिन जिनके लक्षण कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस स्थिति को ‘लॉन्ग काविड’ के नाम से जाना जाता है।
करोना संक्रमण के इन बढ़ते आंकड़ों के बीच, डरे सहमें कई देशों ने लॉकडाउन की दूसरी पारी की घोषणा कर दी है, एक और जहाँ इजरायल में लॉकडाउन की दूसरी पारी सितम्बर में ही लागू कर दी गई तो फ़्रांस ने पेरिस में और स्पेन, नीदरलेंड, इटली, जर्मनी ने अपने कई शहरों में छह अक्टूबर से ढेरों गंभीर रेस्ट्रिक्शन्स लागू कर दिए हैं, बाज़ार और बार बंद रहेंगे और लोगों के एकत्र होने, मीटिंग्स, पार्टिया करने पर भी पाबंदियां लगा दी गई हैं। 
दो लाख से ज्यादा लोगों की मौतें झेल चुका अमेरिका भी, ना सिर्फ बेहद ग़ुस्से में हैं, बल्कि आम चुनाव, मंदी और विश्व में अपने घटती धाक से बौखलाया हुआ भी है, उस पर से दवाइयों और वेक्सीन के नाम पर चल रही लूट ने भी उसके लोगों में घोर अशांति फैला दी है, इंडो-चायना सेक्टर में बुरी तरह उलझे अमेरिका को अार्मेनिया अझरबैजान युद्ध ने भी विकास की पटरी से उतार पटका है, अमेरिकी-गैर अमेरिकी और ट्रम्प-नो ट्रम्प मुहिम में आग में घी डालने का काम कर रही हैं उसके यहाँ पनप और फलफूल चुकी, अश्वेत नस्लें, जिन्हे रसद मिल रही है वैश्विक मुस्लिम आक्रांता संघटनों से, जो ब्रिटैन में शरिया लागू करने के बाद, अमेरिका में अपने इलाके बना चुके हैं, जहां अमेरिकी पुलिस और आर्मी तक घुस नहीं पा रही है। 
मार्च के महीने से ही लगातार दवाइयों और वेक्सीन की झूठी घोषणाओं से दुनिया भर के बाजारों से अरबो खरबों रुपये लूट चुकी दवा कंपनियों से यह सवाल कब और कौन पूछेगा कि जब तुम्हारे पास कोई दवा थी नहीं, वेक्सीन की पहली फेज भी ठीक से नहीं हो पाई थी, तब तुमने यह घोषणाएं क्यों की और डरे सहमे आठ सौ करोड़ लोगों को क्यों लूटा? 
पूछा तो दवा माफिया और उन कारपोरेट अस्पतालों से भी जाना चाहिए कि जब सौ में से निन्यानवें लोग बिना किसी उपचार ठीक हो सकते हैं, हो भी रहे हैं, तो उन्हें भर्ती करके, उनको अति गंभीर मरीजों को सारी जोखिम के साथ दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाइयाँ और हालत बिगाड़ने वाले स्टेरॉयड्स क्यों दिए गए?
गूगल और नेट युग में, सारे विद्वान् लोग आज यह बखूबी जानते हैं कि वायरस पर एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड्स दवाइयां काम नहीं करती, उलटे इनसे, उनकी इम्युनिटी और बिगड़ सकती है, शरीर का बचाव करने वाली श्वेत रक्त कणिकाएं बेहद चिंताजनक रूप से कम हो सकती हैं और इसके फलस्वरूप मरीज का वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है?
WHO और ICMR के स्पष्ट दिशा निर्देशों के बावजूद, कि स्टेरॉयड्स सिर्फ वेन्टिलेटरी सप्पोर्ट वाले अति गंभीर मरीजों में, पूर्ण जोखिम उठाते हुए जान बचाने के अंतिम प्रयास के रूप में दिए जाने चाहिए, एसिम्पटोमेटिक या माइल्ड लक्षणों वाले मरीजों को जानलेवा एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड्स देने वाले डॉक्टरों से यह सवाल कौन पूछेगा कि फर्जी प्रोटोकॉल के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने और उन्हें लूटने का अधिकार, उन्हें किसने दिया? बढ़ते पॉलूशन और आती ठण्ड में जब इन मरीजों का संक्रमण लाइलाज हो जाएगा और मौतों के आंकड़ें बेहद तेजी से बढ़ेंगे, तब कौन जबाबदेह होगा?
भारतीय जनमानस अभी भी अपने डॉक्टरों को देवतुल्य समझ उनपर अन्धविश्वास करता है, वो तो उस फ़क़ीर की भस्म को भी अमृत समझ कर खा लेता है, जिसके बारे में उसे मालुम है कि यह कुछ नहीं कर सकता।
तब भारतीय चिकित्सा तंत्र को नियंत्रित करने वाली दवा और सरकारिया तंत्र माफिया पर लगाम कौन लगाएगा? भारत सरकार में, देश का स्वास्थ्य संभाल रहे डॉ हर्षवर्धन से लोगों को ढेरों उम्मीदें थीं, और WHO की कमान संभालने के बाद तो यह उम्मीदें परवान चढ़ गई थीं लेकिन बाबाओं के झूठे दावों, काढ़ों, दवा माफियाओं तथा अस्पतालों की खुली लूट के सामने, वो भी धृतराष्ट्र ही बने रहे हैं, काश की उनके पास कोई समझदार दिव्यदृष्टा, संजय होता?   

डॉ भुवनेश्वर गर्ग  Email:drbgarg@gmail.com.facebook: https://www.facebook.com/bhuvneshawar.garg 

डॉक्टर सर्जन, स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, हेल्थ एडिटर, इन्नोवेटर, पर्यावरणविद, समाजसेवक मंगलम हैल्थ फाउण्डेशन भारतसंपर्क: 9425009303


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