14 जूनः भोजपुरी गौरव दिवस

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डॉ अजय ओझा।

14 जून, 2011 को मॉरीशस सरकार ने दिया था भोजपुरी को सरकारी मान्यता।

भारत में अभी भी भोजपुरी 8वीं अनुसूची से दूर।

भोजपुरी भाषा संघर्ष यात्रा में 14 जून, 2011 को एक पड़ाव माना जा सकता है। इसी दिन मॉरीशस की तत्कालीन डॉ नवीन रामगुलाम सरकार ने ” द भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन बिल ” पारित कर भोजपुरी भाषा को सरकारी मान्यता प्रदान किया था। यह समाचार सुनते ही दुनियाभर के भोजपुरी भाषी खुशी से झूम उठे। हमलोगों के लिये तो इस समाचार का विशेष महत्व था। क्योंकि 6 जनवरी से 26 फरवरी, 2011 तक हमने 50 दिवसीय भारत भोजपुरी यात्रा सम्पन्न किया था। इस यात्रा का नेतृत्व मॉरीशस सरकार में चार बार मंत्री रह चुके जगदीश गोवर्धन ने किया था। उनके साथ इस यात्रा में मेरे अलावा मॉरीशस की प्रसिद्ध लोक कलाकारा श्रीमती हौसिला रिसॉल तथा उनके पति डॉ अखिलानंद रिसॉल शामिल थे। इस यात्रा का आयोजन इंडियन डॉयस्पोरा, विश्व भोजपुरी सम्मेलन तथा भोजपुरी फाउण्डेशन ने संयुक्त रूप से किया था। यात्री दल भारत में भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के मुद्दे को लेकर दिल्ली, मुम्बई, नागपुर, वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना, जमशेदपुर, राँची, कोलकाता, आजमगढ़, गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, आगरा होते हुए नयी दिल्ली पँहुचा। प्रत्येक जगह यात्री दल का भव्य स्वागत हुआ तथा प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस यात्रा का उद्देश्य और संदेश आमजन तक पँहुचा। इस यात्रा को सम्पन्न कराने में अजीत दूबे, अध्यक्ष – विश्व भोजपुरी सम्मेलन तथा वाराणसी के डॉ अशोक सिंह, महासचिव – विश्व भोजपुरी सम्मेलन का महत्वपूर्ण एवम अविस्मरणीय योगदान रहा। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी प्रकाशन हुआ जिसका विमोचन प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली में अजीत दूबे, अध्यक्ष — विश्व भोजपुरी सम्मेलन तथा पूर्व उपाध्यक्ष – भोजपुरी मैथिली अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा किया गया। इस स्मारिका को श्रीमती सोनिया गाँधी, स्व सुषमा स्वराज, शरद पवार, शत्रुघ्न सिन्हा, के व्यालार रवि सहित तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को प्रदान किया गया। इसी स्मारिका को पढ़ने के उपरांत पी. चिदम्बरम ने संसद में भोजपुरी को मान्यता प्रदान करने का आश्वासन देते हुए बयान दिया था कि — हम र उआ सभ के भावना से अवगत बानी। उनका यह बयान बहुत हाईलाइट हुआ और लोगों को लगा कि अब भोजपुरी को मान्यता मिल जायेगा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. इसका कारण बताते हुए तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री प्रसिद्ध पत्रकार राजीव शुक्ला ने मुझसे कहा था कि ओझा जी, कांग्रेस सरकार भोजपुरी को मान्यता देना चाहती है, लेकिन संसद चल नहीं पा रहा है. जब संसद चलेगा ही नहीं तो बिल कैसे पारित होगा !?

खैर, जगदीश गोवर्धन स्मारिका लेकर मॉरीशस पँहुचे। उन्होंने यह स्मारिका तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम अनिरुद्ध जगन्नाथ को प्रदान किया। वह बहुत प्रभावित हुए और आश्चर्यजनक तरीके से तेजी दिखाते हुए मॉरीशस सरकार ने 14 जून, 2011 को भोजपुरी भाषा को सरकारी मान्यता प्रदान कर दिया। मॉरीशस सरकार ने भोजपुरी का गवर्नमेंट अकादमी बनाकर डॉ सरिता बुद्धु को उसका चेयरमैन नियुक्त किया। डॉ सरिता बुद्धु वर्तमान में भी चेयरमैन हैं। उन्होंने मॉरीशस के भोजपुरी ” गीत गवाई ” को यूनेस्को से मान्यता प्रदान करवाया। भोजपुरी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए वे लगातार देश विदेश का दौरा करते रहती हैं। उन्हें प्यार से लोग अन्तर्राष्ट्रीय भोजपुरी दीदी के नाम से भी पुकारते हैं।
जगदीश गोवर्धन को भी इस यात्रा का बहुत बड़ा पुरस्कार मिला। अनिरुद्ध जगन्नाथ सरकार ने उन्हें भारत में मॉरीशस का राजदूत नियुक्त किया। वे 2015 से लगातार लगभग छह वर्षों तक भारत में मॉरीशस के राजदूत रहने के उपरांत आजकल मलेशिया में राजदूत के पद पर आसीन हैं। भोजपुरी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए वे आजीवन संकल्पित हैं और मोबाइल पर हमसे हमेशा भोजपुरी भाषा आंदोलन के प्रगति के संबंध में पूछताछ करते रहते हैं। भोजपुरी भाषा विकास के लिए इतना समर्पित व्यक्तित्व पूरी दुनिया में और दूसरा कोई नहीं दिखता।

मॉरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी को दी गई यह मान्यता भोजपुरी फाउण्डेशन, विश्व भोजपुरी सम्मेलन सहित विश्व भर के बीस करोड़ भोजपुरी भाषियों के लिए बहुत बड़ी सफलता थी। भोजपुरी भाषा को यह सम्मान प्रदान करने के लिये समस्त भोजपुरी समाज मॉरीशस सरकार का ऋणी रहेगा। भोजपुरी भाषा के विकास में मॉरीशस के इस ऐतिहासिक योगदान को यादगार बनाने के लिये भोजपुरी फाउण्डेशन ने प्रत्येक वर्ष 14 जून को ” भोजपुरी गौरव दिवस ” के रुप में मनाने का फैसला किया है। जिस दिन भारत सरकार भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करेगी, उस दिन ” विजय दिवस ” मनाया जायेगा।

संयोग से 14 जून, 1970 मेरा जन्म दिवस है. अब इसे प्राकृतिक संयोग कहें या कुछ और मॉरीशस सरकार द्वारा मुझे प्रदत्त जन्मदिन का यह बहुत बड़ा अनमोल तोहफा है !

जय भोजपुरी ! जय भारत !! जय मॉरीशस !!!

✍ डॉ अजय ओझा, चेयरमैन – भोजपुरी फाउण्डेन।


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