नौटंकी प्रस्तुति : “दस्ताने – ए – लैला मजनू़ं” से याद आ गया गुजरा जमाना

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मनीष कपूर ।

विषय :- नौटंकी ‘दास्तान ए लैला मजनू’ का भव्य मंचन

आज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर ‘दास्तान ए लैला मजनू’ का मंचन लोक कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन की अग्रणी संस्था स्वर्ग रंग मंडल द्वारा किया गया। कलाकारों ने अपने अपने किरदारों में जब अरबी वेशभूषा के साथ मंच पर उतरे तो लैला मजनू का दौर जीवंत हो उठा।

सेट डिजाइन बहुत ही उम्दा रहा तथा दृश्य निरूपण भव्य रहा जो दर्शकों को निरंतर लुभाता रहा। प्रस्तुति के दौरान कोविड संबंधित सभी दिशा निर्देश का पालन किया गया एवं दर्शकों में प्रयागराज के सभी मानिंद रंग निर्देशक तथा साहित्यकार गण उपस्थित रहे।

नौटंकी ‘दास्तान ए लैला मजनू’ की जीवंत एवं रसवंत गायकी दर्शकों के अंत:मन में रस घोलती रही और पारसी नाटकों के उर्दू जुबान की चासनी में पगे संवादों ने समा बांध दिया।
कलाकारों के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों की ख़ूब तालियां बटोरी।

नौटंकी प्रस्तुति : “दस्ताने – ए – लैला मजनू़ं” से याद आ गया गुजरा जमाना

मंच पर सहायक भूमिकाओं में कृष्ण कुमार मौर्य, देवेंद्र राजभर, श्रेया गुप्ता, शिवानी कश्यप, अनन्या मोहिले, बसंत लाल त्यागी, अभिषेक खत्री, आनंद प्रकाश शर्मा, साहिल केसरवानी, करण यादव, मोहम्मद ज़ाहिद, आद्वितीय, बचई लाल एवं संगम लाल चौधरी ने अपनी भूमिकाओं से न्याय किया।

‘दास्तान ए लैला मजनू’ की इस शानदार प्रस्तुति का निर्देशन देश के माने जाने रंग निर्देशक एवं लोक कलाविद् अतुल यदुवंशी ने किया।

मंच पर नट संदीप शुक्ला, नटी सुजाता केसरी, मजनू सचिन केसरवानी, लैला वैष्णवी केशरी, लैला की अम्मी प्रिया मिश्रा, शहर क़ाज़ी, शिव कुमार सरस्वती, शहज़ादा बख़्त एजाज़ ख़ान एवं तबरेज़ आर्यन मोहिले ने यादगार भूमिकाए निभाई।

मंच पर हारमोनियम दिलीप कुमार गुलशन, ढ़ोलक मोहम्मद साजिद, नक्क़ारा नगीना, स्वर साधना उस्ताद यासीन नाज़ा, अलाप रोशन पांडे, कोरस प्रिया मिश्रा, शिवानी कश्यप, संदीप कुमार शुक्ला, बसंत लाल त्यागी, ने किया।

वस्त्र विन्यास शिल्पी यदुवंशी, रूपसज्जा मोहम्मद हमीद, प्रकाश संयोजन सुजॉय घोषाल का रहा। इस नौटंकी के लेखक लोक कला शिरोमणि राजकुमार श्रीवास्तव रहे।

प्रस्तुति के सहायक निर्देशक डॉ सोनम सेठ एवं शिल्पी यदुवंशी रही।


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