वेब सीरीज भी सेंसर से होकर गुजरना चाहिए : अभिनेता राजेंद्र गुप्ता
मोहल्ला अस्सी, गुरू, लगान, मिशन कश्मीर, हक जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले अभिनेता ने बनाई अलग पहचान
रायपुर, 23 फरवरी (हि.स.)। अभिनेता राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्रीज में बहुत से लोग नाम से पहचाने जाते हैं, लेकिन मेरी पहचान काम से, चेहरे से होती है। यानि मेरे साथ नाम बड़े दर्शन छोटे वाला मामला नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वेब सीरिज के कार्यक्रम भी सेंसर से होकर गुजरने चाहिए। फिल्म फेयर अवार्ड्स की विश्वसनीयता पर सवाल सालों से खड़ा होते रहे हैं, जिन्हें नहीं मिलता, उन्हें बुरा लगता है। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता राजेंद्र गुप्ता ने रविवार को प्रेस क्लब में रूबरू कार्यक्रम के तहत पत्रकारों से मुलाकात की। इस दौरान गुप्ता ने पत्रकारों को संबोधित करने के बाद उनके सवालों के जवाब भी दिए।
मोहल्ला अस्सी, गुरू, लगान, मिशन कश्मीर और हक जैसी सुपरहिट फिल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले राजेंद्र ने कहा कि तेरे मन कछु और है, विधना के कछु और। बहुत से लोग बड़े सपने लेकर बॉलीवुड आते हैं, लेकिन वे बनना कुछ और चाहते हैं, बन कुछ और जाते हैं। मैं 1968 में ही रंगकर्म में आ गया, उसके बाद एनएसडी आया और फिर बॉलीवुड। सिनेमा, टीवी और रंगकर्म के चर्चित चरित्र अभिनेता ने कहा कि अभिनय की शुरुआत 1968 में रंगकर्म से की और पहला ब्रेक दूरदर्शन के धारावाहिक चंद्रकांता में डबल रोल से मिला। आडियंस से मिलने वाली प्रतिक्रिया ही आपको मांजती है। रियलिटी शो पर आए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां अभिनय का काम नहीं है। मैं अपने आपको रियलिटी शो के लायक नहीं समझता। जो गुमनामी में चले जाते हैं, उनके लिए मौका है रियलिटी शो। गुप्ता ने कहा कि पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज पैसा कमाने के लिए काम कर रही है।
बॉलीवुड की चौपाल लगाते हैं अभिनेता राजेंद्र गुप्ता
रंगकर्मी सुभाष मिश्र ने अभिनेता राजेंद्र गुप्ता से जानना चाहा कि आपने जो ‘चौपाल शुरू किया, उसका क्या कांसेप्ट है, इसके जवाब में गुप्ता ने कहा कि वे 25 सालों से चौपाल’ हर महीने आयोजित करते हैं। छत्तीसगढ़ के ही रंगकर्मी शेखर सेन के सुझाव पर यह चौपाल प्रांरभ हुई, जिसमें हर दूसरे सप्ताह अभिनेता, अभिनेत्री व रंगकर्मी तथा अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग इकटठा होते हैं। अब तक चौपाल में 500 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। सभी चाय पर गपशप करते हैं, एक दूसरे से चर्चा करते हैं। गुप्ता ने बताया कि यह आयोजन लगातार 25 सालों से जारी है। गुप्ता के साथ रंगकर्मी सुभाष मिश्र भी साथ थे।
जनमंच’ में नवोदित रंगकर्मियों को दी भेंट
सिनेमा, टीवी और रंगकर्म के जाने-माने अभिनेता राजेंद्र गुप्ता रविवार शाम को रायपुर सडडू स्थित नाटय थिएटर जनमंच’ पहुंचे तथा उन्होंने मास्टर क्लास ली। रंगकर्मी सुभाष मिश्र तथा रचना मिश्र ने उनका स्वागत किया। नवोदित रंगकर्मियों को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि रंगमंच में अपने शहर में काम करना और मुंबई में काम करने का अलग रंग मिजाज होता है। हमने जो तय कर लिया, वही नहीं होगा, भटकाव भी आएंगे। ऐसे में खुद ही संभलना है और फिल्टर भी होना है।
युवा नाटयकर्मियों के सवालों के जवाब में गुप्ता ने कहा कि ग्लैमर के चलते लोग खींचे चले आते हैं, परंतु कई बार बड़ा ब्रेक मिलते मिलते 60 की उम्र गुजर जाती है। अभिनय संघर्षशील यात्रा है। छोटे-छोटे रोल करके भी पहचान बनाई जा सकती है, जैसे कि मैं। बड़े रोल की उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि थियेटर में तो स्पीच का ही खेल है। शब्द पर निर्भर करता है कि आप और दर्शक के बीच संप्रेषण किस तरह होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रनारायण शुक्ल