निर्देशक ने कहा-‘ सभी आरोप निराधार,जिसे चाहूँ रखूं जिसे चाहूं हटा दूं’

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 विवेक रंजन सिंह।
विवेक रंजन सिंह।

कटरा रामलीला में सीता को मंचन से कुछ दिन पहले हटा देने के प्रकरण पर बात साफ हो गयी है। निर्देशक व राम का किरदार कर रहे कलाकार पर जो आरोप सीता बनी कलाकार ने लगाए थे वो दोनों ओर के आंशिक मनमुटाव के चलते हुआ था। दोनों पक्षों के हुए आपसी वार्तालाप से आपसी मनभेद व मनमुटाव की जो स्थिति बनी थी वह खत्म हो चुकी है।

सुबोध सिंह,निर्देशक कटरा रामलीला ।

रामलीला का निर्देशन कर रहे सुबोध सिंह ने कहा कि एक निर्देशक का यह पूरा अधिकार होता है कि वह किसको रखेगा या किसको नही रखेगा। यही चीज़ सीता के पात्र को लेकर हुई। रामलीला में कुछ ही दिन शेष थे और सीता के अभिनय से पूर्ण सन्तुष्टि न मिलने पर मैंने उनको मना कर दिया। बाकि डांट फटकार तो हर निर्देशक थोड़ा बहुत अपने कलाकारों से करता है। अब सामने वाला उसे किस रूप में लेता है वह उसकी समझ पर निर्भर करता है।

आरोप लगाने वाली कलाकार ने भी कहा कि अब यह मामला दोनों पक्षों में सुलझ चुका है। उन्हें अपनी गलती का एहसास हो चुका है इसलिए मैं सन्तुष्ट हूँ। बाकि अब मैं इस विवाद में नही पड़ना चाहती मुझे अपने आगे के कार्यों पर फोकस करना है।

बता दें कि यह मामला अभी कुछ दिन पहले उठा था जिसे सम्पूर्ण माया ने सर्वप्रथम संज्ञान में लिया उसके बाद शहर के कुछ और समाचार पत्रों में यह बात उठी तो लोगों को पता चला।

निर्देशक सुबोध सिंह पिछले कई सालों से कटरा रामलीला का निर्देशन कर रहे है इससे पहले बतौर सह- निर्देशक वो पथरचट्टी रामलीला को भी निर्देशित कर चुके हैं।


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