कब दिन बहुरेगे विराट धरा के फिर एक विकास शिल्पी का क्षेत्र को है इंतजार

Share:

शहडोल। किसी भी क्षेत्र का विकास इस बात पर निर्भर करता है कि उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किनके हाथों में है, विकास के प्रति उनका नजरिया कैसा है, उनकी सोच कैसी है। वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम देखते हैं कि कोई क्षेत्र विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा होता है तो वहीं दूसरी ओर कोई क्षेत्र विकासरूपी पांव पर ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहा । हमारा शहडोल भी एक ऐसा ही दुर्भाग्यशाली जिला है जहां जिला के रूप में उसके अस्तित्व में आने के इतने सालों बाद भी विकास की गति यदा-कदा ही देखने को मिलती है। ऐसा नहीं है कि यह क्षेत्र जनप्रतिनिधि विहीन हो किंतु जिला के निर्माता पंडित शंभूनाथ शुक्ल के बाद स्व दलबीर सिंह ही एक ऐसे जनप्रतिनिधि के रूप में क्षेत्र में जाने जाते हैं जिन्होंने कुछ विकासोन्मुखी कार्य किये है। इनके अलावा क्षेत्र के विकास के लिए किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया गया, किंतु दूसरी ओर हमारा यह सौभाग्य ही रहा कि बीते डेढ़ दशक में शहडोल क्षेत्र को विकास के पथ पर अग्रसर होने का अवसर मिला। हालांकि इस विकासरूपी रथ के रथी तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे तो वही उस रथ को खींचने का काम सारथी के रूप में तत्कालीन प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने किया। 

मुख्यमंत्री ने गोद लिया तो प्रभारी मंत्री ने दुलारा

पूर्व की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहडोल को यह कहते थे कि वह इसे गोद लिए हैं और वास्तव में देखा जाए तो उन्होंने इस क्षेत्र के लिए जो किया वह शायद यहां के जनप्रतिनिधि भी न सोच पाते रहे होंगे । तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शहडोल क्षेत्र को लगातार दिए जा रहे सौगातों के कार्यों को गति देने का काम तत्कालीन प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बखूबी निभाया। वर्ष 2016 मे जब वह शहडोल के प्रभारी मंत्री बने उसके बाद वह यहां के जनप्रतिनिधियों, अपने पार्टी के पदाधिकारियों- कार्यकर्ताओं, प्रशासनिक अमला व क्षेत्र के वरिष्ठजनो से सतत संपर्क व संवाद करते हुए यहां की जरूरतों व उपयोगिता को समझे और फिर उसे अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया। शायद उसी की परिणति है कि शहडोल क्षेत्र में आज मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय व क्षेत्र के विभिन्न कस्बों में महाविद्यालय संचालित है। इसके अलावा शहडोल नगर का सौंदर्यीकरण के लिए मॉडल रोड, पोनाग तालाब का जीर्णोद्धार जैसे कार्य प्रारंभ हो सके। किंतु वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और उसके बाद से क्षेत्र के विकास का पहिया मानो थम सा गया।

अव कौन होगा विकास पुरुष 

विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश की राजनीतिक फिजा क्या बदली शहडोल क्षेत्र के विकास की दशा व दिशा भी थम सी गई। इस डेढ़ वर्ष में क्षेत्र में न तो कोई नई योजना आई और ना ही पुराने विकासोन्मुखी कार्यों को गति मिल सकी। क्षेत्रवासी विकास पथ पर अग्रसर होने फिर किसी विकास शिल्पी का इंतजार कर रहे हैं । हालांकि अब फिर से प्रदेश में राजनीतिक बदलाव की बयार चली और सत्ता पर भाजपा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पुनः काबिज हुई । ऐसे में शहडोल के लोगो की उम्मीद बढ़ गई है कि क्षेत्र को शीघ्र ही प्रभारी मंत्री के रूप में एक ऐसा प्रतिनिधि मिलेगा जो थम चुके विकास को पुनः गतिमान कर सके।

लेखक: शिव नारायण त्रिपाठी, शहडोल, मध्य प्रदेश


Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *