क्या कान्वेन्ट स्कूलो में धड़ल्ले से स्वास्थ व सरकारी विभागों के निर्देशों को नही माना जा रहा है?

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प्रयागराज : कोरोना वॉयरस (कोरिडोर 19) को लेकर लगातार केंद्र और उ०प्र०सरकार एडवाईज़री जारी कर सभी शिक्षण संस्थानो को ३अप्रैल तक बन्द रखने और सभी तरहा की परिक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है।उच्च न्यायालय ने भी भीड़ भाड़ वाले किसी भी तरहा के आयोजन को स्थगित करने को कहा है। मॉल,जिम,शादी घर को भी एडवाईज़री जारी कर बन्द रखने की बात कही गई है। पर सूत्रो के अनुसार कान्वेन्ट स्कूल फरमान की अन्देखी करते हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं को प्रतिदिन बुला रहे हैं। जबकि प्रशासन द्वारा सख्त हिदायत दी गयीं की १५ की संख्या वाले सरकारी या ग़ैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को घर बैठ कर कार्य सम्पादित करने को कहा गया है। सवाल उठता है की शिक्षक व शिक्षिकाएँ जो कार्य घर बैठ कर भी सम्पादित कर सकती है । सै०मो०अस्करी ने कान्वेन्ट स्कूलों व कोचिंग संस्थानों की मनमानी को रोकने की ज़िला प्रशासन से मांग की है। कहा हमेशा की तरहा कान्वेन्ट स्कूल संचालक कोरोना वॉयरस के संक्रमण और महामारी का रुप ले चूके इस आपदा के प्रति गम्भीर नहीं हैं। इनकी मनमानी के कारण संक्रमण को फैलने से रोकने में यह संचालक लोगों की परेशानी का सबब न बन जाएँ इस से पहले इन पर अंकुश लगाने की आव्यश्कता है।


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