माँ दुर्गा के वाहन

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जयती भट्टाचार्या।
यूँ तो हम मां दुर्गा को शेर की सवारी करते हुए देखते हैं यानि उनका वाहन शेर है। जब राक्षस महिषासुर से लड़ने के लिए सब देव मां दुर्गा को शस्त्र दे रहे थे तो हिमालय पर्वत ने उन्हें शेर दिया। शेर साहस, शक्ति, नेतृत्व, इच्छाशक्ति और दृढ़ता का प्रतिनिधित्व करता है। यह धर्म का भी प्रतिनिधित्व करता है।
शेर के अलावा भी मां दुर्गा के चार वाहन हैं।

यह वाहन हैं हाथी, घोड़ा, नाव और पालकी। माना जाता है कि नवरात्रि के समय मां अपने बच्चों के साथ इन्हीं में से किसी वाहन से कैलाश से धरती पर आती हैं और किसी दूसरे वाहन से धरती से कैलाश लौट जाती हैं। वह किस वाहन से आती हैं और किस वाहन से जाती हैं इसका सीधा असर धरती और मानव जाति पर पड़ता है। यदि मां जिस प्रकार के वाहन से आती हैं, उसी प्रकार के वाहन से वापस भी जाती हैं तो यह अशुभ माना जाता है। इससे मानव जाति को प्राकृतिक आपदा, राजनैतिक अस्थिरता और अन्य सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस साल 2022 में देवी अपने बच्चों के साथ हाथी पर कैलाश से आई हैं और नाव से जाएंगी। दोनों शुभ हैं।
माँ दुर्गा के वाहनों का महत्व


हाथी – यह शांति और समृद्धि का प्रतीक है। यदि मां दुर्गा हाथी पर आती या जाती हैं तो इसका अर्थ है कि उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन खुशियों से भर जाएगा। यह बहुत ही शुभ होता है। यह अगले साल अच्छी फसल का भी सूचक है।


नाव – नाव पानी का वाहन है। यह बाढ़ और अच्छी फसल दोनों का संकेत देता है। यदि मां नाव से आती हैं तो इसका मतलब है उनके आशीर्वाद से हम अपने लक्ष्य को पाने में सफल होंगे। नाव पर जिस साल देवी आती हैं उस साल पूजा के दौरान बहुत बारिश होती है।


पालकी – इस वाहन से आना शुभ नहीं माना जाता है। यह किसी महामारी की ओर संकेत करता है। वाहन के रूप में पालकी भूकंप का भी संकेत देती है।


घोड़ा – इस वाहन से आना भी अशुभ माना जाता है। यह दो देशों के मध्य युद्ध की ओर संकेत करता है।
इस साल हम दो वर्ष के बाद खुलकर नवरात्रि का पर्व मना रहे हैं। नवरात्रि तो हर साल मनाई लेकिन कोरोना की वजह से दो साल डरकर मनाई। इस वर्ष मां का वाहन मानव जाति के लिए शुभ है। हम यह आशा कर सकते हैं कि अब हमें कोरोना जैसे महामारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।



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