भाजपा की आदिवासियों से विश्वासघात रैली नाकाम : डॉ राकेश किरण महतो

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डाॅ अजय ओझा। 
रांची, 5 जून । विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मोरहाबादी मैदान, रांची में  “विश्वास रैली” के आयोजन पर प्रतिक्रिया स्वरूप झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता डॉ. राकेश किरण महतो ने कहा कि जनजातीय समाज के साथ-साथ पूरे देश की जनता के साथ विश्वासघात करने के बाद भाजपा द्वारा विश्वास करने का यह स्वांग हास्यास्पद है।केंद्र में भाजपा की सरकार पिछले आठ साल से है और इन्हें अब आदिवासी समाज की याद आ रही है। भाजपा की गलत नीतियों के कारण ही जनजातिय समाज ने उसे पूरी तरह से नकार दिया है,इसीलिए राजनीतिक प्रपंच कर उन्हें दिग्भ्रमित करने के प्रयास में लगी हुई है, लेकिन झारखंड में इनकी दाल गलने वाली नहीं है। 
डॉ महतो ने कहा कि झारखंड के साथ-साथ पूरे देश के जनजातिय समुदाय को आशा थी कि आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.जे. पी. नड्डा जी शायद  ‘विश्वास रैली’ में आदिवासियों की चीर-प्रतिक्षित मांग – ‘जनगणना कॉलम में सरना कोड जोड़ने ‘ की घोषणा करेंगे  लेकिन उन्होंने ऐसा ना करके पूरे देश के आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया है ।इनका ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा’ देश के आदिवासी,दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर लागू नहीं होता। इन वर्ग के लोगों की भावना का भाजपा कभी सम्मान नहीं करती। भाजपा इनका हितैषी बनने का लाख दिखावा कर ले लेकिन जनता इनकी चाल और चरित्र से भली भाँति वाकिफ है। इसीलिए अब इनके बहलावे में ये आने वाले नहीं है। 
डॉ.महतो ने आगे कहा कि आज रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्बोधन में  कांग्रेस-झामुमो गठबंधन सरकार के मुखिया श्री हेमंत सोरेन के व्यक्तिगत चरित्र पर जिस तरह से सार्वजनिक हमले किये गये इससे उनके दल भाजपा के आदिवासी-मूलवासी विरोधी मानसिकता झलकती है. दर असल झारखंड में जब से भाजपा सत्ता से बाहर हुई है ,वह बहुत बेचैन हो उठी है। उन्हें आदिवासी समाज से आने वाले  झारखंड आंदोलनकारी के पुत्र श्री हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में देखना रास नहीं आ रहा है। इसीलिए इस सरकार को परेशान करने और काम नहीं करने देने के हर  संभव हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं के जबरदस्त दुरूपयोग करने के बावजूद भी कुछ क्षति नहीं कर पाने पर भाजपा द्वारा झामुमो के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए रैली का आयोजन किया जा रहा है। भाजपा अगर सचमुच झारखंड राज्य और यहाँ के आदिवासियों की हितैषी है तो उसे तत्काल केंद्र में झारखंड के बकाये 1.36 लाख करोड़ रुपये दे देने चाहिए ताकि जनता के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सके, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उसकी नियत में ही खोट है । गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ मोदी सरकार का यह बर्ताव अब आम बात हो चली है । 
प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राकेश किरण महतो ने कहा कि पृथक झारखण्ड राज्य गठन के बाद से सबसे ज्यादा कालखण्ड तक राज्य में भाजपा  ही सत्ता में रही है। पिछले 22 वर्षों में  भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता ने बाबूलाल मरांडी,अर्जुन मुंडा और रघुवर दास को मौका देकर देखा है, बावजूद इसके राज्य के आदिवासी बदहाल हैं. झारखण्ड के आदिवासी अब भाजपा के झांसे में दुबारा आनेवाले नहीं है। काठ की हांडी बार-बार नही चढ़ती । भाजपा जब राज्य में सत्ता में रहती है तो उसे आदिवासी समाज की याद नहीं आती है।उस समय ये अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों से भी छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आते। ये सत्तामद में इतने चूर हो जाते हैं कि जनता को कीड़े-मकौड़े के बराबर समझने लगते हैं।भाजपा के द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून तथा सीएनटी और एसपी की एक्ट को बदलने का प्रयास , वनाधिकार कानून की अनुपालना नहीं करवाना, इनवारमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट एवं सोशल इम्पैक्ट एसेसमेंट से ग्रामसभा को हटाने का निर्णय , बजटीय उपबंध में ट्राइबल सबप्लान की राशि को कम करना, जनजातीय समुदाय के लोगों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज करने,लाठी एवं गोलियां चलवाना ,आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति पर रोक लगाने के इनके निर्णय को आज तक झारखण्ड के आदिवासी समाज ने भुलाया नहीं है। तीन काले कृषि कानून को जबरदस्ती थोपने का प्रयास तो घोर निरंकुशता थी। 
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता डॉ राकेश किरण महतो ने कहा कांग्रेस पार्टी ने अपने लगभग 70 वर्षों के शासन काल में हमेशा ही आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय को केंद्र बिन्दु में रखकर ही योजना बनाई और उन्हें लागू भी किया।इसीलिए देशवासी कांग्रेस पर भरोसा करते हैं. परंतु मोदी सरकार के इन आठ वर्ष के कार्यकाल में आदिवासियों के साथ-साथ सभी कमजोर तबके के लोगों की हालत बेहद गंभीर हो गई है। महंगाई, बेरोजगारी ने देशवासियों का जीना दुस्वार कर दिया है।जनता ने 2014 में जिस विश्वास और भरोसा के साथ मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया था वे सारे सपने चुरा हो गये हैं। अब जनता इन्हें और अधिक  झेलने के मूड में नहीं है। 2024 में जनता बदलाव करने का मन बना चुकी है।Attachments area


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