बाबा रामदेव स्थापित करेंगे सीबीएसई के तर्ज पर वैदिक बोर्ड

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डॉ अजय ओझा।

देशभर में स्थापित करेंगे 1 हजार आवासीय आचार्यकुलम स्कूल।

गुरुकुल शिक्षा पद्धति को करेंगे पुनर्जीवित एवं स्थापित।

पतंजली अपने शैशव काल में थी, तब सिर्फ १,१०० करोड़ रूपए की कंपनी थी। आज पतंजली केवल खाद्य भाग(फूड सेगमेन्ट) में 38,000 करोड़ रूपए से अधिक की कंपनी है।

इसके अलावा, आगे बाबा की सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी योजना जिसपर बाबा ने काम शुरू कर दिया है, वो है शिक्षा के क्षेत्र में!

आपको ये जान कर प्रसन्नता होगी कि बाबा ने भारत सरकार के मानव संसाधन & विकास मंत्रालय, माने Ministry of HRD से देश में विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए एक वैदिक बोर्ड की स्थापना के लिए अनुमति मांगी है।

जैसे देश में CBSE, ICSE और तमाम राज्यों के शिक्षा बोर्ड हैं, मुसलमानों की दीनी तालीम के लिए मदरसा बोर्ड है, उसी प्रकार बाबा रामदेव ने भारत सरकार से देश में एक वैदिक बोर्ड की स्थापना के लिए अर्ज़ी दी है।

इस नए वैदिक बोर्ड में देश की पुरातन गुरुकुल शिक्षा पद्धति को आधुनिक काल के हिसाब से पुनर्वास(remodel) कर पुनर्जीवित करने का प्रयास है!

भारत की शिक्षा व्यवस्था पिछले ६८ साल से वामपंथियो (कांग्रेस के पूर्ण सहमति से) के चंगुल में फंसी रही! वामपंथियों और कांग्रेसजनों का शुरू से एक ही एजेंडा रहा – भारत के गौरवशाली इतिहास को, संस्कृति को, हमारी सभ्यता को हनन कर, बदनाम कर, नीचा दिखाओ और सेकुलरिज़्म एजेंडा के तहत भारत के मध्यकालीन इतिहास को, जब हम कुछ हद तक मुसलमानों के आधीन रहे, उस इतिहास को बच्चों को पढ़ाओ!

हमारे नायकों को पीछे धकेल अकबर, शाहजहाँ, औरंगज़ेब और टीपू सुलतान जैसे हीरो पैदा करो और राणा प्रताप, शिवाजी को भुला दो! अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाओ जो Leader नहीं बल्कि Clerk, नौकर और Stenographer पैदा करती है। विद्यार्थियों में सोचने और विवेचन करने की क्षमता को ख़त्म करती है आधुनिक शिक्षा पद्धति। इसमें पूरा केंद्र सिर्फ रट्टे मार के परीक्षा पास करने पे होता है।

बाबा रामदेव ने जो वैदिक बोर्ड की परिकल्पना की है, उसमे विद्यार्थियों को भारत का गौरवशाली अतीत, इतिहास, संस्कृति और परम्परा से परिचित कराने का प्रयास है!

हमारे वैदिक ग्रन्थ, वेद, उपनिषद, दर्शनशास्त्र जिन्हें आज की शिक्षा छूना भी नहीं चाहती! आधुनिक पाठ्यक्रम के साथ वेद, उपनिषद् भी पढ़ाये जाएँ। ऐसे एक शिक्षा बोर्ड की स्थापना चाहते हैं बाबा रामदेव जी!

इसको और अधिक सरल करके बताऊँ तो स्कूल में CBSE के 5 पाठ्य हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और समाजशास्त्र के साथ एक नई धारा(stream), एक नया पाठ्य, वेद उपनिषद् भी जोड़ दिया! योग को अनिवार्य कर दिया!अब आप सोचेंगे कि बच्चे बोझिल होंगे? जी नहीं! बिलकुल नहीं आज NCERT कहती है कि विद्यार्थियों को सिर्फ 5 पुस्तक पढ़ाई जाएं, पर हमारे व्यापारिक(Private) स्कूल 17 पुस्तकें लगा के रखते हैं!

वैदिक बोर्ड में NCERT की उन 5 पुस्तकों के साथ सिर्फ एक पुस्तक जोड़ दी जायेगी – वैदिक शिक्षा! विद्यार्थी जब 12 साल इस बोर्ड से पढ़ के निकलेगा तो उसे ये पता होगा कि, भगत सिंह कोई आतंकी नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी थे, और औरंज़ेब कोई महान राजा नहीं, बल्कि एक आततायी था!

बाबा रामदेव ने आचार्यकुलम के नाम से ऐसा एक वैदिक स्कूल शुरू कर भी दिया है जिसमे बच्चे सुबह उठ के योग करते हैं, यज्ञ करते हैं और फिर उसके बाद दिन में CBSE की पढ़ाई करते हैं। इसके अलावा देश भर में 9 अन्य आचार्यकुलम और बन रहे हैं। अगले 10 साल में देश में 1,000 आचार्यकुलम स्थापित करने की व्यवस्था है बाबा का।

ये आचार्यकुलम Residential Schools होंगे, जो प्रस्तावित वैदिक बोर्ड से मान्यता प्राप्त होंगे और पूरी तरह गुरुकुल पद्धति से शिक्षा देंगे।

बाबा रामदेव इसके लिए देश भर में दान दाताओं से 5 एकड़ जमीन मांग रहे हैं, आपके बाप दादाओं के नाम आचार्यकुलम!


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