एक्सक्लूसिव : बिहार से आये कलाकारों को भेज दिया प्रतापगढ़,बिहारी व ‘नचनिया’कहकर किया अपमान,सांस्कृतिक केंद्र का मामला

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उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की वेबसाइट कहती है कि उसका उद्देश्य लोक कलाओं का प्रचार और संरक्षण कर बढ़ावा देना है। पर क्या यह अपेक्षित है कि जिस संस्थान को अलग-अलग क्षेत्र, भाषा और लोक कलाओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से बनाया गया हो,वहां कलाकारो की उपेक्षा की जाए।

उनको अपमानित होने के लिए किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भेज दिया जाय ,जहां अनरगल टिप्पड़ी करने वाले लोगों के बीच उनकी जबरन प्रस्तुति कराई जाए। लेकिन इस बार के शिल्प मेले में कुछ ऐसा ही हुआ है।

‘शिल्प मेला 2021’ के आयोजन में बिहार से लोकनृत्य की प्रस्तुति देने आए श्री हरि कृष्ण सिंह और उनके दल के साथ आज जो हुआ वह संस्थान के उद्देश्य के बिल्कुल विपरीत था।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र जैसे सम्मानित मंच पर प्रस्तुति देने के लिए बिहार के कलाकार जब इलाहाबाद पहुंचे तो पहले तो उन्हें  किसी दूरदराज के ग्रामीण इलाके में हो रहे किसी निजी राजनीतिक कार्यक्रम में यह कहकर भेज दिया गया कि वहां उद्घाटन होना है इसलिए आपको प्रस्तुति देनी है। और जब कलाकार वहां पहुंचे तो ग्रामीणों द्वारा बदसलूकी की गई, ‘लड़कियों को नचवावो’ आदि टिप्पणी की गई। जब कलाकारों ने प्रस्तुति देने से मना किया तो ने एक प्रकार से उन्हें बंधक बना कर उन्हें प्रस्तुति देने के लिए मजबूर किया गया। ऐसा कई कलाकारों का कहना है। उन्हें बिहारी कहकर उन्हें पिछड़ा महसूस कराने की कोशिश भी की गई।

ग्रुप के लीडर का कहना था कि हमे उम्मीद नही थी कि हमे ऐसे ग्रामीण इलाके में भेजा जा रहा। वो ज्यादा तो खुलकर कुछ नही बोल पाए लेकिन उनके दल के कलाकार मुख्यतः लड़कियां ज्यादा नाराज थी। कलाकारों ने कहा कि उनका भी एक स्तर है। वो दूर से आते हैं कि भारत सरकार के एक सम्मानित मंच पर उनको प्रस्तुति करने का मौका मिल रहा जो कि उनके लिए गर्व का विषय है पर उनको क्या उम्मीद थी कि उनके साथ केंद्र के कर्मचारी ऐसा करेंगे।

कार्यक्रम अधिकारी के कहने पर उनको ऐसे कार्यक्रम में भेज दिया गया जहां न मंच की सुविधा थी न कला का सम्मान। ऐसे में वो स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं।

केंद्र के मंच पर प्रस्तुति देने के लिए बुलाए गए कलाकार शाम मंच पर प्रस्तुति नहीं दे पाए रात को 7:00 बजे जब इलाहाबाद पहुंचे तो उनका मनोबल टूट चुका था। वे निराश थे और अपमानित महसूस कर रहे थे।

ऐसे में सवाल है कि :
केंद्र के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कलाकारों को किसी निजी राजनीतिक प्रस्तुति के लिए अन्य जगह पर क्यों भेजा गया?

कलाकारों से जबरन प्रस्तुति कराई गई इसका जिम्मेदार कौन है?

अन्य राज्यों से आए कलाकारों को केवल केंद्र के मंच पर प्रस्तुति देनी होती है तो इन्हें बाहर क्यों भेजा गया? क्या इसके लिए कलाकारों को कोई पूर्व सूचना केंद्र ने दिया?


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