आरोप : वकील ने तोड़ा कानून, घर का अवैध निर्माण कराकर कर रहे पडोसी को परेशान

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सूत्रो के अनुसार मामला पन्ना लाल रोड का है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण में जार्ज टाउन क्षेत्र के एक मामले को लेकर चल रहे विवाद के चलते एक आश्चर्य करने वाली ख़बर सामने आई है। शिकायतकर्ता स्वयं एक अधिवक्ता हैं जिन्होंने पड़ोसी के घर मे चल रहे निर्माण को लेकर शिकायत की थी। प्राधिकरण ने उस घर के निर्माण को रोक लगा दी। उसके बाद वैध प्रक्रिया के तहत अग्रिम धनराशि जमा कराकर उसे सीलमुक्त कर दिया।

जब इसके बाद भी अधिवक्ता ने शिकायत करना शुरू हुआ तो पीड़ित परिवार ने मीडिया में शिकायत की कि हम अपने पहले से बने मकान में थोड़ा निर्माण कर रहे थे उसी को लेकर वो बार बार शिकायत करते हैं,जबकि शिकायतकर्ता का मकान स्वयं ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित किया गया है। पीड़ित ने प्राधिकरण द्वारा दिये गए कारण बताओ नोटिस व ध्वस्तीकरण के आदेश की कॉपी मीडिया को दिखाई। मामला जब समझा गया तो पता चला कि अगस्त माह में ही अधिवक्ता के घर को ध्वस्त करने का आदेश प्राधिकरण दे चुका है, परन्तु अब तक कोई कार्यवाई नही हुई।

आलोक पांडेय

जब मीडिया ने प्राधिकरण के जोनल अधिकारी आलोक पांडेय से बात की तो वो इस पर कोई जवाब नही दे पाए उल्टे पत्रकारों को ही डांटने लगे। तो क्या इसमें प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत है ? सनद रहे कि अभी पन्ना लाल रोड सहित कई इलाकों में ज्यादातर मकानों का वैध नक्शा नही है।

विनोद कुमार पांडेय

प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि अधिवक्ता वहां जाकर बवाल करते हैं और अधिवक्ता होने का दम दिखाते हैं व धमकी देते हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि हमने अपना कार्य स्थगित कर दिया है।

फिर भी अधिवक्ता सुबह शाम तस्वीर खीचते हैं और धमकी देते हैं ऐसे में हमारा परिवार परेशान है। बकौल पीड़ित कहना है कि उनके घर मे इसी महीने वैवाहिक कार्यक्रम है, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। पीड़ित परिवार को जब कोई रास्ता नही दिखा तो उन्होंने इसकी शिकायत मीडिया में की।

अधिवक्ता के घर को गिराने की नोटिस

हैरान करने वाली बात ये है कि अगस्त के दिये ध्वस्तीकरण के नोटिस को अब तक नोटिस न करने वाला प्राधिकरण क्या सिर्फ आम जनता को ही परेशान कर रहा है, जबकि अधिवक्ता का पूरा मकान अवैध है ऐसा प्राधिकरण ने कारण बताओ नोटिस में स्वयं लिखा है।

प्रश्न प्रशासन व कानून दोनों पर उठ रहे। कि कानून की रक्षा करने वाले अधिवक्ता महोदय खुद अवैध रहकर दूसरे आम जनता को अवैध ठहराने के लिए कोर्ट-कचहरी छोड़ प्राधिकरण का ही चक्कर काट रहे।

अधिवक्ता के नाम से कारण बताओ नोटिस

पीड़ित ने कहा है कि यदि अधिवक्ता अपनी धमकी से बाज नही आते तो वो उनकी शिकायत बार एसोसिएशन में करेंगे कि ऐसे अधिवक्ताओं के चलते न्याय व्यवस्था व न्यायपालिका की छवि धूमिल हो रही है।


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