झारखंड राज्य राजस्व उपनिरीक्षक महासंघ के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन

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बेनीमाधव सिंह।

विगत 5 दिनों से राजस्व उपनिरीक्षक महासंघ झारखंड अपनी 11सूत्री मांगों के समर्थन में आन्दोलन रत है ।मांगों के समर्थन में बुधवार को आक्रोश पूर्व प्रदर्शन किया गया । महासंघ कार्यालय से प्रदर्शन का कार्यक्रम प्रारंभ होकर शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय के समक्ष पहुंचकर राजस्व उपनिरीक्षको ने जोरदार नारेबाजी की ।प्रदर्शन का का नेतृत्व कर रहे हैं धर्मराज मिश्रा ने कहा कि सरकार के द्वारा निर्धारित सुविधाओं में कटौती की जा रही है । जो कार्य समय बद्ध तरीके से लागू होना चाहिए उसमें भी सरकार के द्वारा उदासीनता बरती जा रही है ।इसी के मद्देनजर विगत 23 अगस्त को प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था ।परंतु सरकार के स्तर से अभी तक उदासीनता बरतने का कार्य जारी है ।प्रमुख मांगों में झारखंड सरकार के साथ हुए समझौते के अनुसार राजस्व उपनिरीक्षक का ग्रेड पे 2400 किया जाए तथा 3 वर्ष उपरांत ग्रेड 2800 किया जाए ।

10 अक्टूबर 19 को हुए समझौते के अनुसार अंचल निरीक्षक को सीधी बहाली पर रोक लगाते हुए 50% पदों पर राजस्व निरीक्षकों को वरीयता के आधार पर सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर प्रोन्नति दिये जाने की मांग शामिल है। वही प्रतिवर्ष आयोजित परीक्षा करा कर विभाग के ही लोगों को प्रोन्नत किया जाए । समझौते के आधार पर प्रतियोगिता परीक्षा में राजस्व उप निरीक्षकों का कार्यानुभव 10 बरस के स्थान पर 5 वर्ष करने की मांग की गई है। वही समझौते के अनुसार राजस्व करमियो को त्वरित कार्य निष्पादित हेतु दोपहिया वाहन तथा ईधन खर्च उपलब्ध कराया जाए। ज्ञातव्य हो कि आज सभी कार्य ऑनलाइन हो रहा है। इस निमित्त सभी उप निरीक्षकों को लैपटॉप प्रदान किया जाए ,राजस्व उपनिरीक्षकी हड़ताल आज पाचवे दिन मे प्रवेश कर गया है । परन्तु अभी तक सरकार के द्वारा समझौते के लिए कोई पहल नहीं की गई है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे धर्मराज मिश्रा ने कहा कि अगर सरकार की रवैया इसी तरह जारी रही तो यह आन्दोलन बेमियादी भूख हड़ताल में बदल जाएगी, जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी । राजस्व उपनिरीक्षको के हड़ताल पर चले जाने से अकाल तथा सुखाड के लिए किसानो तथा जनहित के कई कार्यक्रम ठप है ।


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