कोरोना ने बदली राजनीति

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भोपाल। राजनैतिक भले ही ना बदले हो, लेकिन राजनीति करने का तौर तरीका कोरोना महामारी ने बदल दिया है। अब चुनाव प्रचार सोशल मीडिया टीवी चैनल और वर्चुअल रैलियों के माध्यम से ही अधिक होगा ना पहले जैसी आम सभाएं ना रथ यात्राएं होंगी और ना ही कमरा बंद बैठ के होंगी क्योंकि सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी हो गया है।
दरअसल वक्त के साथ परिस्थितियों के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कुछ वर्षों के बाद परिवर्तन आते रहते हैं। इस समय विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण राजनीति के तौर-तरीकों में व्यापक परिवर्तन देखा जा रहा है। राजनीति का तिलिस्म बहुत ही जटिल होता है लेकिन कोई व्यक्ति या पार्टी दृढ़ता के साथ संकल्प कर लें तो फिर हर परिस्थिति में उसे राह मिल जाती है। जैसा कि भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार राज्य से वर्चुअल रैलियों की शुरुआत की है उससे इन विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा को लाखों लोगों तक पहुंचाने की कोशिशें हो रही है। अमित शाह ने बिहार के कार्यकर्ता और आम जनता के बीच संवाद कायम कर यह दिखा दिया है कि परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल भरी क्यों ना हो वह हौसलों को कमजोर नहीं होने देंग। बिहार जनसंवाद कार्यक्रम के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, s.m.s., टि्वटर, सोशल मीडिया, के तमाम प्लेटफार्म के जरिए भाजपा कार्यकर्ताओं को लिंक भेजे गए और एक बड़ी वर्चुअल रैली बिहार में करने के बाद अन्य राज्यों में पार्टी के नेताओं ने ऐसी ही रैलियां करना शुरू की।
बहरहाल बुधवार को मध्य प्रदेश जनसंवाद के तहत केंद्रीय जहाजरानी एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहली वर्चुअल सभा की जिसमें भाजपा का दावा है कि 1000000 से अधिक लोग फेसबुक, टि्वटर, युटुब, चैनल, सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े मध्यप्रदेश जनसंवाद रैली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश इकाई के अधिकृत ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज के साथ ही पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर फेसबुक पेज पर भी लाइव रही सोशल मीडिया के अतिरेक प्रादेशिक टीवी चैनलों एवं केबल के जरिए भी लाखों लोग भारतीय जनता पार्टी के जनसंपर्क के इस अनूठी पहल से जुड़े इस वर्चुअल रैली से प्रदेश के 50000 से अधिक बूथों पर फेसबुक और यूट्यूब के माध्यम से लाखों लोगों को जोड़ा गया मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहला वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया गया है और इसी अभियान के तहत वर्चुअल रैली एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पार्टी के केंद्रीय नेता और प्रदेश नेतृत्व जनसंवाद कर रहे हैं पार्टी ने 45000 भूतों पर व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए हैं। नितिन गडकरी मुख्य वक्ता के रूप में नागपुर से वर्चुअल रैली में मुख्य वक्ता के रूप में जुड़े उनके साथ केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी उपस्थित थे जबकि दिल्ली से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह, कुलस्ते प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे पार्टी नेता सत्यनारायण जटिया जुड़े वही भोपाल से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने भी इस रैली को संबोधित किया इस दौरान कैलाश विजयवर्गी और प्रभात झा भी मंच पर उपस्थित थ।
कुल मिलाकर भाजपा पिछले 4 दिनों में बिहार उड़ीसा पश्चिम बंगाल के बाद मध्यप्रदेश में यह बड़ी रैली आयोजित की केंद्र में और देश के अधिकांश राज्यों में सत्तारूढ़ होने के कारण भाजपा इन खर्चीली रैलियों को लगातार कर पा रही है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर दलों के लिए देशव्यापी इस तरह की रैलियां करना बहुत ही मुश्किल भरा कार्य होगा क्योंकि पोलिंग बूथ तक एल ई डी का इंतजाम करना महंगा भी है और कठिन भी है क्योंकि इसके लिए पैसे भी चाहिए और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क भी जबकि राजनीतिक दलों के लिए सक्रियता बनाए रखने के लिए कोरोना महामारी के दौर में यही तरीका सबसे कारगर है अब बाकी दलों को भी धन और संसाधन जुटाने पड़ेंगे तभी वह इस तरह की वर्चुअल रैलियों का मुकाबला कर पाएगी या फिर जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की समर्पित फौज जटानी पड़ेगी। जिससे कि वह झोपड़ी झोपड़ी और खोपड़ी जाकर पार्टी का संदेश पहुंचा सकें अन्यथा सोशल डिस्टेंसिंग का जमाना आ गया है जिसमें ना यात्राएं हो सकती है ना सभाएं हो सकती हैं और ना ही बड़ी-बड़ी बैठ के हो सकती हैं।
जाहिर है प्रदेश में भाजपा द्वारा जो वर्चुअल रैली की गई है, उसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां तो बताई गई साथ ही पार्टी ने इरादे जाहिर कर दिए की कोरोना महामारी के कारण भले ही बड़ी सभाएं ना कर सके लेकिन इस तरह की रैलियों के माध्यम से 24 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव लड़े जाएंगे प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में पत्रकार वार्ताएं और बैठ के जूम ऐप के जरिए की हैं अब प्रदेश व्यापी संदेश पहुंचाने के लिए इस तरह की रैली करना होगा, अन्यथा भाजपा से मुकाबला करना मुश्किल होगा वक्त और कोरोना महामारी ने जो परिस्थितियां बदली हैं उसके अनुसार दलों को भी बदलना ही पड़ेगा ।

देवदत्त दुबे (ब्यूरो प्रमुख )


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