कांग्रेस नेतृत्व ने दी इमरान प्रतापगढ़ी को जिम्मेदारी

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प्रयागराज। बेल्हा की मिट्टी में पले बढ़े व छोटे मंचों पर शेरों शायरी सुनाकर लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर देने वाले मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने आखिरकार राजनीति में भी अपने पांव जमा दिए हैं। कांग्रेस ने मुस्लिमों के बीच इमरान की मजबूत पैठ को देखते हुए उन्हें इंडियन कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंप दी। सियासत की पिच पर तीन साल पहले उतरे इमरान को इतनी जल्दी कांग्रेस नेतृत्व द्वारा इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। फिलहाल उनके मनोनयन से जिले के कांग्रेसी नेताओं के साथ उनके समर्थक भी गद्गद हैं।

वैसे तो मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। जेठवारा के शमशेरगंज में डाक्टर इलियास के घर पैदा हुए इमरान अपने चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनकी शुरूआती पढ़ाई केपी कालेज से हुई। वह इलाहाबाद विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद पत्रकारिता की शिक्षा भी हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही परिवार के तमाम सदस्यों के विरोध के बावजूद वह गांव में मंचों पर शेरों शायरी पढ़ने लगे। धीरे-धीरे वह कामयाबी की बुलंदी की ओर बढ़ते चले गए। शायरी के जरिए लोगों का दर्द सबके सामने परोसने वाले इमरान प्रतापगढ़ देश व विदेशों में अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों के बीच लोकप्रिय होते चले गए।

प्रदेश की सपा सरकार ने उन्हें यश भारती सम्मान से नवाजा। वर्ष 2019 में वह कांग्रेस के टिकट पर मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़े। इसके बाद वह कांग्रेस नेतृत्व के बेहद करीब रहे। बिहार, असम में हुए विधानसभा चुनाव में भी इमरान को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक बनाया। ताकि मुस्लिमों को वह अपने साथ जोड़ सके। अब कांग्रेस नेतृत्व ने इमरान पर भरोसा जताते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी है। यह खबर मिलने के बाद उनके पैतृक घर पर जश्न का माहौल देखने को मिला। हालांकि कोरोना महामारी के चलते कुछ पारिवारिक सदस्य ही जुटे और उनके पिता का मुंह मीठा कराया।


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