दुर्गा पूजा को लेकर योगी सरकार ने अपना निर्णय बदला

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जयति भटाचार्य ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय से एक और विवाद शुरू हो सकता था। विषय यह है की कुछ दिन पूर्व, योगी सरकार ने नवरात्री में होने वाले त्योहारों को मानाने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया । योगी सरकार ने पहले राम लीला मानाने की अनुमति तो दी पर बंगाली परंपरा के अनुसार चार दिन का पूजा समारोह मानाने से रोक लगा दिया था। योगी सरकार का कहना था की माता का पूजा निजी तौर पर घरों में किया जायेगा ना की पूजा बरवारियो में जहा कई वर्षो से होता आ रहा है।

इस निर्णय से बंगालियों के बीच चर्चा होना शुरू हो गया। सोशल मीडिया में साफ़ नजर आ रहा था। कईओ ने निर्णय का स्वागत किया तो कईयों ने अपना विरोध दर्ज करवाया। उत्तर प्रदेश में रहने वाले बंगालियों ने पर निर्णय का स्वागत किया था। जिन थोड़ो ने विरोध किया था उनका सिर्फ यह तर्क था की ” दुर्गा पूजा के लिए पर्ण लिया जाता है की हर वर्ष यह पूजा इसी स्थान पर मनाया जायेगा और इसलिए वहा एक कलश की नियमित स्थापना किया जाता है। और यदि उस स्थान पर दुर्गा पूजा ना करवाए जाये तो कुछ गलत या अनहोनी घट सकती है। ऐसा होते पिछले कई सालो में देखा जा चूका है।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय से पश्चिम बंगाल राज्य में विरोध तेज व जोर शोर से करने की तईयारी में लग गए थे प्रदर्शनकारी । पश्चिम बंगाल के कुछ सांसद ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना कर भुनाने की कोशिश भी की। पर अचानक ही योगी सरकार ने अपने फैसले को पलट दिया और दुर्गा पूजा को यथा स्थान पर करने की मंजूरी प्रदान की। पर वैश्विक महामारी को देखते हुए कुछ हम बातो को ध्यान में रख्नने का निर्देश दिया। इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में रहने वाले बंगालियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी और उन्हें विश्वास हो गया की जिस राजनीतिक दल को उन्होंने सत्ता का भार दिया, उस राजनीतिक दल ने उनका सम्मान करते हुए उनका पसंदिता त्यौहार मानाने की अनुमति दे दिया।


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